Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भावुक आजाद का विदाई भाषण, अल्लाह से यही दुआ है... भारत से आतंकवाद खत्म हो जाए...

हमें फॉलो करें भावुक आजाद का विदाई भाषण, अल्लाह से यही दुआ है... भारत से आतंकवाद खत्म हो जाए...
, मंगलवार, 9 फ़रवरी 2021 (14:34 IST)
नई दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष की विदाई के अवसर पर ना केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बल्कि खुद गुलाम नबी आजाद भी कुछ पलों के लिए भावुक हो गए तथा उन्होंने देश से आतंकवाद के खात्मे और कश्मीरी पंडितों के आशियानों को फिर से आबाद किए जाने की कामना की।
 
उच्च सदन में अपने विदाई भाषण के दौरान आजाद ने उस घटना का विवरण दिया जिसकी चर्चा करते हुए इससे पहले प्रधानमंत्री का गला रुंध गया। आजाद ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही दिनों के भीतर कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ और कुछ पर्यटक मारे गए थे। इनमें गुजरात के पर्यटक भी थे। उन्होंने कहा कि वह जब हवाई अड्डे पहुंचे तब पीड़ित परिवारों के बच्चे उन्हें पकड़कर रोने लगे।
 
आजाद ने कहा कि वह दृश्य देखकर उनके मुंह से चीख निकल गई, ‘खुदा तूने ये क्या किया...मैं क्या जवाब दूं इन बच्चों को...इन बच्चों में से किसी ने अपने पिता को गंवाया तो किसी ने अपनी मां को...ये यहां सैर करने आए थे और मैं उनकी लाशें हवाले कर रहा हूं...।’ इसी कड़ी में आजाद ने कहा, ‘अल्लाह से... भगवान से... यही दुआ करते हैं कि इस देश से आतंकवाद खत्म हो जाए।’
जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में शहीद हुए केंद्रीय बलों और पुलिस के जवानों के साथ आम नागरिकों के मारे जाने का उल्लेख करते हुए आजाद ने कश्मीर के हालात ठीक होने की कामना की। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कश्मीरी पंडितों का भी जिक्र किया और कहा कि वह जब छात्र राजनीति में थे उन्हें सबसे अधिक मत कश्मीरी पंडितों के ही मिलते थे।
 
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी ओर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से कश्मीरी पंडितों के उजड़े आशियानों को बसाने की दिशा में प्रयास करने का आग्रह करते हुए एक शेर सुनाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहा, ‘गुजर गया वह जो छोटा सा एक फसाना था, फूल थे, चमन था, आशियाना था, न पूछ उजड़े नशेमन की दास्तां, न पूछ थे चार तिनके, मगर आशियाना था।’
 
पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि उन्हें फक्र होता है कि वह एक हिन्दुस्तानी हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं उन खुशकिस्मत लोगों में हूं जो कभी पाकिस्तान नहीं गया। लेकिन जब मैं वहां के बार में पढ़ता हू या सुनता हूं तो मुझे गौरव महसूस होता है कि हम हिन्दुस्तानी मुसलमान हैं। विश्व में किसी मुसलमान को यदि गौरव होना चाहिए तो हिंदुस्तान के मुसलमान को गर्व होना चाहिए।’
 
मुस्लिम देशों की स्थिति बयान करते हुए उन्होंने पाकिस्तान का उल्लेख किया और कहा कि वहां जो सामाजिक बुराइयां हैं, वह भारत में नहीं है। उन्होंने कामना करते हुए कहा कि हमारे मुसलमानों में ये सामाजिक बुराइयां कभी ना आएं।
 
इससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी आतंकवाद से जुड़ी एक घटना के बाद आजाद द्वारा पीड़ितों की मदद के लिए किए गए कार्यों को याद करते हुए भावुक हो गये। उस समय मोदी गुजरात के तथा आजाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। मोदी ने आजाद से उस आतंकी घटना से प्रभावित लोगों की मदद के लिए कहा था।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हिंदू कॉलेज के छात्र ‘वर्जिन पेड़’ पर बांधते थे ‘कंडोम’, दावा था प्‍यार मिलेगा, फि‍र एक दिन यह हुआ