अमरावती/ नई दिल्ली। टीडीपी ने बुधवार रात मोदी सरकार को बड़ा झटका देते हुए सरकार से हटने का फैसला किया। पार्टी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार में शामिल अपने दो मंत्रियों से इस्तीफा देने को कहा। नायडू की पार्टी के अलग होने से सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन मनोवैज्ञानिक रूप से पार्टी के लिए यह बड़ा झटका है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने आनन फानन में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि टीडीपी ने राज्य के हित में दर्दभरा फैसला किया क्योंकि उसके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। मोदी सरकार के ये दो मंत्री केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री अशेाक गजपति राजू और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री वाई एस चौधरी हैं।
मामले पर क्या बोली भाजपा : भाजपा ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू के इस आरोप को खारिज कर दिया कि मोदी सरकार ने राज्य की अनदेखी की है, वहीं कांग्रेस ने टीडीपी के कदम को बहुत देरी से उठाया गया कदम बताया।
भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया कि राज्य के विभाजन के बाद आंध्र प्रदेश को बुनियादी संरचना और उद्योग के क्षेत्र में समस्त संसाधन मिलें।
देरी से उठाया कदम : आंध्र प्रदेश से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एम एम पल्लम राजू ने कहा कि यह बहुत देरी से किया गया है। टीडीपी चार साल से भाजपा की सहयोगी है और आंध्र प्रदेश के हितों के संरक्षण के लिए उसने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि राज्य में जनता के मूड को देखते हुए टीडीपी यह राजनीतिक रुख दर्शा रही है।
नायडू सरकार से भी भाजपा के मंत्रियों का इस्तीफा : टीडीपी के जवाब में आंध्र प्रदेश में नायडू सरकार में भाजपा के दो मंत्रियों के. श्रीनिवास राव और टी. माणिकयला राव ने भी इस्तीफा देने के अपने फैसले की घोषणा की।
नायडू ने कहा कि जब केन्द्रीय कैबिनेट में शामिल होने का: उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा तो इसमें बने रहने में कोई तुक नहीं। मेरे लिए एकमात्र एजेंडा राज्य के हितों की सुरक्षा करना है।
जेटली ने किया था यह वादा : टीडीपी के इस फैसले से कुछ घंटे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विशेष राज्य के दर्जे वाले राज्य को मिलने वाले कोष के बराबर राशि आंध्र प्रदेश को दी जा सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि राजनीति धन की मात्रा नहीं बढा सकती।
नायडू ने भविष्य में गठबंधन बने रहने की संभावना की ओर संकेत देते हुए कहा कि हम राजग से बाहर आ गए हैं लेकिन: भाजपा टीडीपी संबंधों को लेकर: दलों से जुड़े मामलों पर बाद में फैसला किया जाएगा।
जेटली ने कहा कि जैसी कि नायडू मांग कर रहे हैं, पूर्वोत्तर के राज्यों तथा तीन पर्वतीय राज्यों के अलावा किसी अन्य राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देना14 वें वित्तीय आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद अब संवैधानिक रूप से संभव नहीं हैं।
टीडीपी प्रमुख ने कहा कि उन्होंने राजग सरकार से हटने के फैसले के बारे में शिष्टाचार के तौर पर जानकारी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि गठबंधन में सहयोगी के तौर पर यह मेरी जिम्मेदारी है कि हमारी पार्टी के फैसले के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी जाए। मेरे ओएसडी ने उनके ओएसडी से बात की लेकिन प्रधानमंत्री से बात नहीं हुई।