विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आज रात अपनी पार्टी के दो केन्द्रीय मंत्रियों से इस्तीफा देने को कहा। केन्द्रीय बजट में राज्य को कथित रूप से नजरअंदाज करने को लेकर टीडीपी और भाजपा के बीच संबंधों में बढते तनाव के बीच यह ताजा घटनाक्रम हुआ है।
नायडू ने कहा कि उनकी पार्टी राजग से बाहर आ जाएगी ‘लेकिन (भाजपा के साथ संबंधों के) दलों से जुड़े मामलों पर बाद में फैसला किया जाएगा।’ ये दो मंत्री केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री अशेाक गजपति राजू और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री वाई एस चौधरी हैं।
आपातकालीन बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा, ‘यह पहला कदम है। हम बाद में आगे के कदम उठाएंगे।’ टीडीपी प्रमुख ने कहा कि उन्होंने इस्तीफे के फैसले के बारे में 'शिष्टाचार’ के तौर पर जानकारी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने का प्रयास किया लेकिन उनसे बात नहीं हुई।
टीडीपी के इस फैसले से कुछ घंटे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केन्द्र आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे सकता लेकिन सम्मान कोष के साथ विशेष पैकेज दे सकता है।
नायडू के आरोपों को भाजपा ने किया खारिज, कांग्रेस ने बताया देरी से उठाया कदम : सरकार से तेलुगूदेशम पार्टी के दो मंत्रियों के इस्तीफे की घोषणा के बाद भाजपा ने आज रात आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू के इस आरोप को खारिज कर दिया कि मोदी सरकार ने राज्य की अनदेखी की है, वहीं कांग्रेस ने टीडीपी के कदम को बहुत देरी से उठाया गया कदम बताया।
भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया कि राज्य के विभाजन के बाद आंध्र प्रदेश को बुनियादी संरचना और उद्योग के क्षेत्र में समस्त संसाधन मिलें।
आंध्र प्रदेश से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एम एम पल्लम राजू ने कहा, ‘यह बहुत देरी से किया गया है। टीडीपी चार साल से भाजपा की सहयोगी है और आंध्र प्रदेश के हितों के संरक्षण के लिए उसने कुछ नहीं किया।’ उन्होंने कहा कि राज्य में जनता के मूड को देखते हुए टीडीपी यह राजनीतिक रुख दर्शा रही है। (भाषा)