नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जहांगीरपुरी मामले में सुनवाई करते हुए 2 हफ्ते तक यथास्थिति बरकरार रखने का फैसला किया। इससे जहांगीरपुरी में बुलडोजर पर ब्रेक लगा रहेगा। मामले में अगली सुनवाई 2 हफ्ते तक जारी रहगी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर वहां अतिक्रमण और अवैध कार्रवाई हटाने की कार्रवाई होती है तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा। अदालत ने कहा कि यह आदेश केवल दिल्ली के लिए हैं। देश के अन्य हिस्सों में जारी कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई गई है।
जहांगीरपुरी मामले पर वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि इस कार्रवाई के जरिए समाज के एक तबके को निशाना बनाया जा रहा है। जब इन्हें यानी एमसीजी को पता चला की हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं, तो इन्होंने 9 बजे से निर्माण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। दिल्ली में 1731 अवैध कॉलोनी है लेकिन सिर्फ एक कॉलोनी को चुना गया, क्योंकि आप खास समुदाय को टारगेट करना चाहते हैं।
कपिल सिब्बल ने कहा कि जिस तरह से अभी बुलडोजर चलाया जा रहा है, उसको रोकने के लिए आदेश जारी करें। इस पर जस्टिस नागेश्वर राव ने कहा कि अतिक्रमण के लिए बुलडोजर का ही इस्तेमाल होता है। सिब्बल ने कहा कि वकील एम आर शमशाद ने मेयर को कोर्ट के आदेश के बारे में अवगत कराया, लेकिन उसके बाद भी डिमोलेशन जारी रहा।
सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुल 5 नोटिस जारी किए गए थे। पहली नोटिस 19 जनवरी और दूसरी 2 फरवरी को जारी हुई थी। नोटिस के बाद ही डिमोलेशन शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 88 प्रभावित लोग हिन्दू और 22 मुस्लिम प्रभावित हैं। किसी एक समुदाय को टारगेट करने का आरोप सरासर गलत है।