नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जल्लीकट्टू को अनुमति देने से संबंधित कानून में संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को शुक्रवार को संविधान पीठ के सुपुर्द कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने संबंधित मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंपने का फैसला किया तथा उसके निर्धारण के लिए पांच बिंदु तय किए।
न्यायमूर्ति नरीमन ने आदेश सुनाते हुए कहा कि हमने संविधान पीठ के निर्धारण के लिए पांच बिंदु तय किए हैं। तमिलनाडु और महाराष्ट्र सरकारों ने प्रीवेंशन ऑफ क्रूएल्टी टू एनिमल्स एक्ट, 1960 में संशोधन किया है और क्रमश: जल्लीकट्टू तथा बैलगाड़ी प्रतियोगिता को मंजूरी दी है। दोनों राज्यों में हुए संशोधन की वैधता को न्यायालय में चुनौती दी गई थी। (वार्ता)