नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी से निपटने में लोक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया में मदद के लिए 12 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यबल का गठन किया है।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कार्यबल बनाने का उद्देश्य राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ऑक्सीजन का आवंटन के लिए कार्यप्रणाली तैयार करना है।
पीठ ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट सचिव कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए लोक स्वास्थ्य व्यवस्था में मदद को लेकर राष्ट्रीय कार्यबल के समन्वयक होंगे और जरूरी होने पर उनके लिए एक अधिकारी को नामित किया जा सकता है जो अतिरिक्त सचिव से नीचे के स्तर के नहीं होंगे।
शीर्ष अदालत ने 6 मई को आदेश जारी किया था जिसे शनिवार को अपलोड किया गया। इसमें कहा गया कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव कार्यबल के पदेन सदस्य होंगे।
पीठ ने कहा कि कार्यबल के सदस्यों में पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. भाबतोश बिस्वास, गंगाराम अस्पताल, दिल्ली के प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्रसिंह राणा, नारायण हेल्थकेयर के अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक डॉ देवीप्रसाद शेट्टी, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लौर की प्रोफेसर डॉ. गगनदीप कांग और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लौर के निदेशक डॉ जेवी पीटर होंगे।
कार्यबल के 5 अन्य सदस्यों में मेदांता हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. नरेश त्रेहन, क्रिटिकल केयर मेडिसीन एंड आईसीयू, फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड (मुंबई, महाराष्ट्र) के निदेशक डॉ. राहुल पंडित और सर गंगाराम अस्पताल में सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी और गुर्दा प्रतिरोपण विभाग के अध्यक्ष डॉ. सौमित्र रावत होंगे।
पीठ ने कहा कि यकृत्त एवं पित्त विज्ञान संस्थान, दिल्ली में हिपैटोलॉजी (जिगर रोग) विभाग के प्रमुख डॉ. शिव कुमार सरीन, हिन्दुजा हॉस्पिटल, ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल के डॉक्टर जरीर एफ उदवादिया कार्यबल के सदस्य होंगे। (भाषा)