रायपुर। छत्तीसगढ़ में अजित जोगी की अगुवाई वाली जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रही बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिलने का दावा किया है। बीजेपी और कांग्रेस को ‘सांपनाथ’ और ‘नागनाथ’ बताते हुए मायावती ने कहा कि उनका गठबंधन इन दोनों पार्टियों से कतई गठबंधन नहीं करेगा।
उल्लेखनीय है कि जेसीसी-बीएसपी गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार जोगी ने गुरुवार को कहा था, 'राजनीति में किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता इसलिए कुछ भी हो सकता है लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसी कोई स्थिति नहीं बनेगी।' उनसे पूछा गया था कि अगर जेसीसी-बीएसपी गठबंधन छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाता है तो क्या वह बीजेपी का साथ लेंगे। जोगी के इसी बयान पर मायावती ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी है।
इस बयान पर छत्तीसगढ़ में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी तो अजीत जोगी शुक्रवार को अपने बयान से पलटते दिखे। उन्होंने बसपा मुखिया मायावती की मौजूदगी में सफाई दी कि बहुत न मिलने पर बीजेपी के साथ जाने की बात कभी नहीं की।
वहीं, दूसरी ओर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को एक रैली के दौरान कहा कि भाजपा-कांग्रेस दोनों का नजरिया एक जैसा है और दोनों के नेता मिले हुए हैं। इससे स्पष्ट हो जाता है कि समाजवादी पार्टी भी 2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने वाली है। गोरखपुर और फुलपूर का चुनाव जीतने के बाद सपा और बसपा ने इशारा किया था कि गठबंधन हो सकता है। जानकारों के मुताबिक गठबंधन के लिए अखिलेश और मायावती दोनों ही एक सॉलिड फॉर्मूले की तलाश में हैं।
नोटबंदी का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि, भाजपा और कांग्रेस का नजरिया इस मुद्दे पर एक जैसा है। सच तो यह है कि काले धन को बैंकों में जमा कराया गया। जिन लोगों का काला धन बैंक में जमा हुआ, वह अपने रुपए लेकर विदेश भाग गए। आप देख सकते हैं कि कितने लोग विदेशों की तरफ रुख कर चुके हैं। नोटबंदी की सबसे बड़ी सच्चाई यही है।
गौरतलब है कि बीएसपी और जेसीसी ने पिछले सितंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में गठबंधन करके लड़ने का ऐलान किया था। प्रदेश की 90 में से 55 सीटों पर जेसीसी और 35 सीटों पर बीएसपी ने अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। गठबंधन के तहत यह भी ऐलान किया गया है कि अगर बहुमत मिला तो जोगी मुख्यमंत्री होंगे।