नई दिल्ली। कांग्रेस जहां किसानों की दुर्दशा के मुद्दे उठा रही है वहीं भाजपा ध्रुवीकरण के एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए किसी भी बात को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि उसके पास दिखाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। यह दावा रविवार को कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने किया और कहा कि भगवा दल का 'अच्छे दिन' का वादा अधूरा रह गया।
थरूर ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि विदेश नीति के मोर्चे पर सरकार विफल रही है और कांग्रेस इन विफलताओं को उजागर करेगी, क्योंकि महज नारे बनकर रह गईं तथाकथित योजनाओं का जमीनी स्तर पर कोई प्रभाव नहीं है। मतदाताओं से सीधा सवाल है कि क्या आप 2014 की तुलना में बेहतर हैं? क्या आपके लिए 'अच्छे दिन' आ गए? अधिकतर लोग कहेंगे कि नहीं।
वर्ष 2014 के चुनावों में भाजपा ने 'अच्छे दिन' के नारे लगाए थे जिसका पूरे भारत में अच्छा प्रभाव रहा और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का भाषण स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पार्टी एजेंडा तय कर रही है और राफेल घोटाला तथा किसानों की दुर्दशा जैसे मुद्दे उठा रही है।
यह पूछने पर कि राहुल गांधी के अनिच्छुक नेता से वास्तविक चुनौती देने वाला नेता बनने में बदलाव कैसे आया? तो उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस प्रमुख का खुद का प्रयास है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी के बयान काफी धारदार हैं और साथ ही वे देश की चिंताओं से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनका उत्साह, उनकी ऊर्जा आदि सब कुछ दिख रहा है।
थरूर के 'हिन्दू पाकिस्तान' और 'हिन्दूवाद में तालिबान' जैसे बयानों से हाल में विवाद पैदा हो गया था जिस पर उन्होंने कहा कि उन्हें इन टिप्पणियों पर खेद नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनौती इस बात की है कि कोई भी बात कहने पर भाजपा और मीडिया इसे संदर्भ से बाहर पेश कर विवाद पैदा कर देते हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि मैंने यह नहीं कहा कि भारत 'हिन्दू पाकिस्तान' है। मैंने कहा कि अगर भाजपा फिर से जीतती है और संसद के दोनों सदनों में उसके पास संख्या बल होता है, तो हिन्दू राष्ट्र के निर्माण की उनकी परियोजना को कोई नहीं रोक सकता, जो पाकिस्तान की तरह होगा और इस तरह हम एक 'हिन्दू पाकिस्तान' बनकर रह जाएंगे। (भाषा)