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मोदी को सामने देख घबरा गए थे इमरान, जानिए किस बात का लग रहा था डर...

हमें फॉलो करें मोदी को सामने देख घबरा गए थे इमरान, जानिए किस बात का लग रहा था डर...
नई दिल्ली , रविवार, 29 जुलाई 2018 (10:41 IST)
नई दिल्ली। पाकिस्तान के वजीर ए आजम बनने जा रहे पूर्व क्रिकेट कप्तान इमरान खान का एक बार जब नरेंद्र मोदी से आमना-सामना हुआ था तो वह बुरी तरह घबरा गए थे।
 
यह वाकया 2006 में यहां एक सम्मेलन के दौरान हुआ था। मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस वाकिए का खुलासा इमरान पर लिखी गई पुस्तक 'इमरान वर्सेज़ इमरान-द अनटोल्ड स्टोरी' में किया गया है। पाकिस्तान में हाल में हुए राष्ट्रीय एसेंबली के चुनाव में इमरान खान की पार्टी 'पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ' सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है और वह सत्ता में आने जा रही है।
 
इमरान और मोदी को इस सम्मेलन में वक्ता के तौर पर आमंत्रित किया गया था। इमरान को यह जानकारी नहीं थी कि मोदी भी उनके पैनल में शामिल हैं। वह अपनी सीट पर बैठे ही थे कि उन्होंने देखा कि सामने से मोदी उनकी ओर चले आ रहे हैं।
 
मोदी को देखकर इमरान सन्न रह गए। उन्होंने नजरें बचाने की कोशिश की लेकिन मोदी ने उनसे गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाया। न चाहते हुए भी इमरान को मजबूरन खड़े होना पड़ा।
 
मोदी ने इमरान के साथ बातचीत में उनके क्रिकेट कौशल की जमकर सराहना की। उन्होंने इमरान के नेतृत्व में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम और भारतीय टीम के कई मुकाबलों को याद किया। इमरान भी इस बात से हैरान थे कि मोदी के पास क्रिकेट और उनके खेल को लेकर कितनी जानकारी है। उन्होंने इमरान की गेंदबाजी, बल्लेबाजी और कप्तानी तीनों की जमकर सराहना की।
 
किताब में बताया गया है कि इमरान के लिए अचानक हुई यह मुलाकात मुश्किल भरी थी और वह उस समय मूक होकर रह गए थे। जैसे तैसे उन्होंने अपनी सराहना के लिए मोदी का धन्यवाद किया। इमरान की हालत उस समय और पतली हो गई जब उन्होंने देखा कि कई फोटोग्राफर इस मुलाकात को कैमरे में कैद करने के लिए लपके चले आ रहे हैं।
 
किताब के अनुसार मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते 2002 में वहां हुए दंगों के कारण पाकिस्तान में उनकी छवि काफी खराब बनी हुई थी और इमरान को उस समय यह ख्याल दहशत में डाल गया कि यदि इस मुलाकात की फोटो पाकिस्तान के अखबारों में मुख पृष्ठ पर छप गई तो उनकी राजनीतिक छवि को गहरा झटका लगेगा, लेकिन वह उस समय कुछ करने की स्थिति में नहीं थे।
 
किताब में कहा गया है कि इमरान को उस वक्त बड़ी राहत मिली जब उन्होंने पाया कि पाकिस्तानी प्रेस में इस मुलाकात को लेकर कुछ भी नहीं छपा है और इसकी तस्वीरें सीमा पार नहीं पहुंच पाई हैं। (वार्ता) 

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