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‍दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर पर भड़के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, CM धामी ने दी सफाई

हमें फॉलो करें ‍दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर पर भड़के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, CM धामी ने दी सफाई

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, सोमवार, 15 जुलाई 2024 (13:07 IST)
Construction of Kedarnath temple in Delhi: श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली द्वारा दिल्ली भगवान केदारनाथ मंदिर बनाने की बात सामने आने पर विवाद खड़ा हो गया है। इस बात को लेकर उत्तराखंड में काफी गुस्सा है। उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने भी इस मंदिर के निर्माण का विरोध किया है। वहीं, अब इस विवाद में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी कूद पड़े हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर राजधानी दिल्ली में केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर बनाने की जरूरत ही क्यों पड़ रही है। इस बीच, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि यह मंदिर सिर्फ प्रतिकृति है। इस मंदिर का दिल्ली के बुराड़ी में 10 जुलाई को भूमि पूजन हुआ था। 
 
शंकराचार्य ने कहा कि यह केदारनाथ धाम की गरिमा और महत्व को कम करने का कुत्सित प्रयास है। शंकराचार्य ने कहा कि मध्य हिमालय स्थित केदारनाथ बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसको पुराण में हिमालय तू केदारम कहा गया है। केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग सतयुग का ज्योतिर्लिंग कहा गया है। उन्होंने कहा कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के अस्तित्व और महत्व को कम करने की किसी भी योजना को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
 
धामी ने किय मंदिर का शिलान्यास : शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि एक निजी ट्रस्ट द्वारा केदारनाथ धाम नाम से मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं विधायकों का उपस्थित रहना भी उचित नहीं है। इस संबंध में उत्तराखंड राज्य सरकार को भी विचार करना चाहिए। शंकराचार्य ने कहा कि केदारनाथ धाम नाम से कहीं भी मंदिर की स्थापना नहीं की जा सकती है। यदि वे मंदिर की स्थापना ही करना चाहते हैं तो किसी अन्य नाम से मंदिर स्थापित कर सकते हैं। इस पर कोई आपत्ति नहीं है। 
 
कहां बन रहा है मंदिर : इस मंदिर का निर्माण दिल्ली के बुराड़ी में होने जा रहा है। हाल ही इस मंदिर का शिलान्यास उत्तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया था। उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने भी इस पर नाराजगी व्यक्त की है। महापंचायत का कहना है कि धाम के नाम पर मंदिरों की स्थापना कर उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया है। 
 
दूसरी ओर, दिल्ली में मंदिर का निर्माण करा रहे ट्रस्ट का कहना है कि उनका मंदिर उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ धाम से जुड़ा नहीं है। दिल्ली में खाटू श्याम जी, माता वैष्णो देवी और बदरीनाथ जैसे मंदिरों की तरह ही उनका ट्रस्ट भी श्री केदारनाथ मंदिर का निर्माण दिल्ली में कर रहा है। दिल्ली में बनने वाले मंदिर में बाबा के प्रतिरूप के दर्शन करना आसान होगा।
 
कहीं दिल्ली को न भुगतना पड़े : श्री केदारनाथ हैंडल से लिखा गया- महोदय केदारनाथ स्वयंभू ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं, जिसके क्षेत्रपाल भैरवनाथ हैं। इसकी स्थापना की चेष्टा मात्र से ही संकट पैदा हो जाएगा, जिसका अंदेशा इनको अभी पता नहीं चलेगा लेकिन अंततः इनके इस कृत्य का दंश कहीं पूरी दिल्ली ही न भुगत जाए। स्मरण रहे महादेव त्रिकालदर्शी हैं आगे इनकी इच्छा शक्ति पर निर्भर है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 

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