Salaries of public bank employees will increase by 17 percent : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन में सालाना 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। नवंबर, 2022 से प्रभावी होने वाले इस फैसले से करीब 8 लाख बैंक कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इस बीच, सभी शनिवारों को छुट्टियों के रूप में मंजूरी देने पर भी सहमति जताई गई है।
भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और बैंक कर्मचारी संगठनों के बीच शुक्रवार को 17 प्रतिशत की वार्षिक वेतन वृद्धि पर सहमति बनी। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर सालाना 8,284 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। आईबीए, बैंक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संगठनों के साथ बातचीत कर वार्षिक वेतन में संशोधन करता है।
इस बीच, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन ने कहा कि सभी शनिवारों को छुट्टियों के रूप में मंजूरी देने पर भी सहमति जताई गई है। लेकिन कामकाज के घंटों में संशोधन का प्रस्ताव सरकार की अधिसूचना के बाद प्रभावी होगा। बैंक अधिकारियों के संगठन ने कहा, नए वेतनमान का निर्धारण 8088 अंकों के महंगाई भत्ते (डीए) और उस पर अतिरिक्त भार को मिलाकर किया गया है।
नए वेतन समझौते के तहत सभी महिला कर्मचारियों को चिकित्सा प्रमाण पत्र दिए बगैर भी हर महीने एक दिन की बीमारी की छुट्टी लेने की अनुमति होगी। इसमें कहा गया है कि संचित विशेषाधिकार अवकाश (पीएल) को सेवानिवृत्ति के समय या सेवा के दौरान कर्मचारी की मौत होने पर 255 दिनों तक भुनाया जा सकता है।
बैंकों के संगठन आईबीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील मेहता ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक संदेश में कहा, आज बैंक उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। आईबीए और यूएफबीयू, एआईबीओयू, एआईबीएएसएम एवं बीकेएसएम ने बैंक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए वेतन संशोधन के संबंध में नौवें संयुक्त नोट और 12वें द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह एक नवंबर, 2022 से प्रभावी होगा।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों के मामले में इस बात पर सहमति बनी है कि मासिक अनुग्रह राशि का भुगतान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा भुगतान की जाने वाली पेंशन/ पारिवारिक पेंशन के अतिरिक्त किया जाएगा। यह राशि उन पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को मिलेगी जो 31 अक्टूबर, 2022 या उससे पहले पेंशन प्राप्त करने के पात्र बन गए हैं। उस तारीख को सेवानिवृत्त होने वाले लोग भी इसके दायरे में आएंगे। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour