कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के तत्वावधान में निकली ‘सुरक्षित बचपन यात्रा’ का समापन
मेरठ के 55 बाल मित्र गांवों में गूंजी बच्चों की आवाज, करीब 20,000 लोगों तक जागरूकता की बात पहुंचाई
मेरठ, बाल यौन शोषण, बाल विवाह, बालश्रम और चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मुद्दे पर जागरूकता अभियान के मकसद से छह दिनों तक चली सुरक्षित बचपन यात्रा का गुरुवार को यहां भव्य समापन हो गया। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के तत्वावधान में संचालित मेरठ के तीन ब्लॉक सरूरपुर खुर्द, रोहटा व जानी खुर्द के विभिन्न बाल मित्र ग्राम समेत कुल 55 गांवों में यह यात्रा निकाली गई।
यात्रा का नेतृत्व बाल पंचायत के बच्चे कर रहे थे। छह दिवसीय इस यात्रा के दौरान लगभग 20,000 लोगों तक जागरूकता की बात पहुंचाई गई। अभियान में बड़ी संख्या में बच्चों, ग्रामीणों के अलावा विभिन्न गावों के ग्राम प्रधान, वार्ड सदस्य, स्कूल अध्यापकों, चुने हुए जन प्रतिनिधियों आदि ने भाग लिया और लोगों से बच्चों का शोषण रोकने की अपील की।
समापन कार्यक्रम दो चरणों में संपन्न हुआ। पहले चरण में यात्रा जानी ब्लॉक के गांव शिशोला में पहुंची। ब्लॉक प्रमुख गौरव चौधरी व जिला पंचायत सदस्य चौधरी नवाजिश ने यात्रा का स्वागत किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गौरव चौधरी ने ब्लॉक में शिक्षा के नीचे जाते स्तर पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, बच्चों को बाल मजदूरी में धकेला जा रहा है, उनकी कम उम्र में शादियां हो रही हैं। इसे सिर्फ सामाजिक बुराई नहीं बल्कि बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध के नजरिये से देखने व उसके समाधान करने की जरूरत है।
जिला पंचायत सदस्य चौधरी नवाजिश ने कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) द्वारा बच्चों में जागरूकता फैलाने व उनके बचपन को सुरक्षित बनाने के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह यात्रा मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने समाज से अपील करते हुए कहा कि बच्चों के खिलाफ होने वाली यौन हिंसा के खिलाफ हमें सामूहिक रूप से काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, मैं आशा करता हूं कि ज्यादा से ज्यादा समाज, बदलाव के इस आंदोलन के साथ जुड़ेगा और मेरठ को बच्चों के लिए सुरक्षित बनाने का प्रयास करेगा। कार्यक्रम के अंत में बाल पंचायत के द्वारा मार्च निकाला गया।
केएससीएफ के कार्यकारी निदेशक राकेश सेंगर ने कहा, यह यात्रा बच्चों द्वारा बच्चों को किसी भी तरह के शोषण से बचाने के मकसद से निकाली गई है, जो कि एक अभिनव प्रयोग है। बच्चों के इस प्रयास का व्यापक असर होगा और बाल श्रम, बाल शोषण, बाल विवाह व चाइल्ड ट्रैफिकिंग रोकने में मदद मिलेगी। ग्राम प्रधान राशिद पंवार और अन्य पंचायत सदस्यों ने यात्रा को हरी झंडी दिखाकर आखिरी सभा के लिए रवाना किया। इस मौके पर गांव के स्कूल प्रधान अध्यापक, क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्रामीण शामिल रहे।
इसके बाद यात्रा सरूरपुर ब्लॉक कार्यालय के सभागार पहुंची, जहां कई गांवों के बच्चे व युवा मंडल सदस्य शामिल रहे। ब्लॉक प्रमुख मनोज चौहान बीडीओ राजेंद्र प्रसाद, रोहटा ब्लॉक ग्राम प्रधान संघ अध्यक्ष मंगल सेन चौधरी, बाल कल्याण अधिकारी विनीत दीक्षित, ग्राम प्रधान मैनापूठि कंवरपाल, पूर्व बाल पंचायत अध्यक्ष जोनू कुमार, आरती, शिवम मंचासीन रहे।
पूरी यात्रा में शामिल रहे पूर्व कैथवाड़ी बाल पंचायत सदस्य जोनू कुमार ने बताया कि यात्रा के दौरान बाल श्रम, बाल यौन हिंसा, बाल विवाह जैसे अपराधों से बच्चों की सुरक्षा की अपील की गई। डालमपुर बाल पंचायत प्रधान इकरा ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों को लेकर समाज में चेतना जगाना है।
बीडीओ राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन मेरठ के दूरस्थ गांवों तक पहुंचकर जन जागरूकता पैदा कर रही है। ये लोगों में चेतना जगाने का उचित प्रयास है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि सामाजिक बदलाव के लिए बच्चों की इस पहल को जिला परिषद की तरफ से हर संभव मदद की जाएगी।