नोएडा। उत्तरप्रदेश के नोएडा में स्थित ट्विन टावर को गिराने के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है। इमारत के ध्वस्तीकरण के लिए विस्फोटकों में डेटोनेटर, इमल्शन और शॉक ट्यूब का उपयोग होगा। 28 अगस्त को दोपहर ढाई बजे डाइनामाइट से इन 32 और 30 मंजिला इमारतों को मात्र 19 सेकंड में गिरा दिया जाएगा।
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इमारत ढहने से उठा धूल का गुबार छंटने में लगभग 30 मिनट का समय लगेगा। दोनों इमारतों से करीब 55,000 टन निकलेगा मलबा। इस मलबे को हटाने के लिए करीब 1200 से 1300 से ट्रक लगाए जाएंगे और कई दिनों तक सफाई का काम होगा। लेकिन इतना मलबा उठाने में महीनों भी लग सकते हैं साथ ही पर्यावरण को होने वाले नुकसान का अंदाजा भी अभी पूरी तरह नहीं लगाया जा सकता है।
एडिफिस इंजीनियरिंग की ओर से ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने के लिए 10 हजार सुराख किए गए हैं। प्रत्येक सुराख में अधिकतम 1.375 किलो विस्फोटक भरे गए। दोनों टावर में कुछ 3,700 किलोग्राम विस्फोटक भरे गए। इसके लिए देश-विदेश के 16 विशेषज्ञों की टीम नोएडा आई। विस्फोटक लगाने के लिए 80 मजदूरों की मदद ली गई।
आखिर क्यों गिराए जा रहे हैं ट्विन टावर : सुपरटेक द्वारा बनाई गई इन 2 भव्य इमारतों से जुड़ा विवाद 2 दशक पुराना है। बिल्डरों ने नियमों को ताक में रखकर बहुमंजिला इमारत बनाई। यूपी सरकार ने नियमों में 3 बार बदलाव कर फ्लोर एरिया रेशो बढ़ाया। इसके बाद बिल्डिंग की ऊंचाई 121 मीटर तक बढ़ाने की अनुमति मिल गई। इन दोनों इमारतों के बीच की दूरी 16 मीटर होना चाहिए लेकिन यह केवल 9 मीटर ही है। इमारतों के बीच दूरी कम होने से हवा पानी रुपए के साथ ही आग के भी एक टॉवर से दूसरे टॉवर में फैलने का खतरा रहता है। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 को दिया था इन इमारतों को ढहाने का आदेश।
सुपरटेक के इस प्रोजेक्ट में कितने लोगों का निवेश अटका है? 1000 फ्लैट्स में से कितने बिके: इस प्रोजेक्ट में करीब 1000 फ्लैट्स बनाए जाने थे। लेकिन बिल्डिंग के प्लान में बदलाव किया गया। इसके बाद कई खरीदार साल 2012 में इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए। इसमें से 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे। जिनमें से 248 रिफंड ले चुके हैं। 133 दूसरे प्रोजेक्ट्स में शिफ्ट हो गए और 252 ने अब भी यहां निवेश कर रखा है। 2014 में ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसे अवैध घोषित कर दिया था।
क्या 650 फ्लैटों के लोगों की चिंता : ट्विट टावर के पास में ऊंची-ऊंची इमारतों में स्थिति 650 फ्लैटों में करीब 2500 लोग रहते हैं। सभी से अवैध इमारत को गिराते समय घर छोड़कर जाने के लिए कहा गया है। देशभर के लोग यह जानना चाहते हैं कि दोनों टॉवर कैसे गिरेंगे तो क्या दूसरी इमारतों को कोई नुकसान होगा, यहां के लोगों की चिंता यह है कि उनके घर कैसे बचेंगे? अगर घरों में नुकसान होता है तो इसकी भरपाई कौन करेगा।
बहरहाल आसपास की इमारतों को विशेष कपड़े और प्लास्टिक से ढंका जा रहा है। विस्फोट के समय आसपास के ट्रैफिक को 15 मिनट के लिए रोक दिया जाएगा। धमाके के बाद धूल से बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है। आसपास के ग्रीन जोन पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
आसपास के लोगों से रविवार सुबह इलाके को खाली करने के लिए कहा गया है। कुतुब मिनार से भी ऊंची इन इमारतों के ढहने से दिल्ली में भूकंप के हल्के झटके महसूस होंगे। लोगों से कहा गया है कि वे टीवी से प्लग निकाल दें और कांच के सामान अंदर रख लें। हवा के दबाव से कांच की चीजें टूट सकती हैं।
नहीं उड़ेंगे विमान : टि्वन टॉवर गिराए जाने के दौरान 28 अगस्त को नोएडा में विमानों के लिए एक समुद्री मील यानी लगभग 1.8 किलोमीटर तक हवाई क्षेत्र अनुपलब्ध रहेगा। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी है। नोएडा पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 26 अगस्त से 31 अगस्त तक शहर में ड्रोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी।