जयपुर। राजस्थान के निष्कासित उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उन पर लगाए गए आरोपों बेबुनियाद बताते हुए कहा मैं इन आरोपों से दुखी हूं, लेकिन हैरान नहीं हूं।
पायलट ने मंगलवार को सोशल मीडिया के जरिए गहलोत के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यह केवल उन्हें बदनाम करने और कांग्रेस के विधायक के नाते राज्य के नेतृत्व के खिलाफ उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को दबाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि गहलोत के इस प्रयास का उद्देश्य उन्हें बदनाम करने और उनकी सम्मान पर हमला करना है।
पायलट ने कहा कि उसके खिलाफ इस तरह की बातें मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मैं उस विधायक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा, जिसके जरिए ये आरोप लगवाए गए।
उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि मेरी छवि को खराब करने के लिए इस तरह के मनगढ़ंत आरोप लगाए जाएंगे, लेकिन अब मैं पूरी तरह से बंधनमुक्त हो जाऊंगा और अपनी आस्थाओं और विश्वासों पर दृढ़ रहूंगा।
शक्तियों का दुरुपयोग दुर्भाग्यपूर्ण : दूसरी ओर, बागी नेता विश्वेंद्र सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कांग्रेस के चुने हुए विधायकों, राजस्थान के लोगों और कांग्रेस द्वारा सौंपी गई शक्तियों का लगातार दुरुपयोग करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
विश्वेंद्र सिंह ने मंगलवार को बयान में कहा कि न केवल गहलोत के नेतृत्व और कुशासन को चुनौती देने वाले विधायकों, बल्कि उनके परिजनों तक को परेशान करने के लिए प्रतिशोध की भावना से उत्पीड़न, जबरन कार्रवाई, अमर्यादित भाषा और बदले की राजनीति को अंजाम दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मेरे और पूर्व मंत्री भंवरलाल शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज करने, पुलिस कार्रवाई, नोटिस और उत्पीड़न के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो आतंकवाद निरोधी दस्ते का गलत इस्तेमाल किया गया, क्योंकि हमने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशासन और नेतृत्व में कमी को चुनौती दी और दिखाया कि राजस्थान में कितनी बुरी चीजें हुई हैं। (वार्ता)