नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को कहा कि राजस्थान विधानसभा में पार्टी के पास स्पष्ट बहुमत है। पार्टी के बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भेजे गए अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस को चुनौती दी है और राजस्थान उच्च न्यायालय में सोमवार को उनकी याचिकाओं पर सुनवाई होनी है।
कांग्रेस के सूत्रों ने विधानसभा सत्र बुलाए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इसके बारे में फैसला करने का राज्य मंत्रिमंडल तथा मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और वे उचित फैसला लेंगे। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधानसभा का सत्र बुलाने पर विचार कर रही है ताकि सचिन पायलट के नेतृत्व वाले बागी विधायकों के खेमे के सामने केवल यही विकल्प रहे कि या तो वे सरकार के पक्ष में मतदान करें अथवा उन्हें अयोग्य करार दे दिया जाए।
सत्र बुलाने से संबंधित एक सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि विश्वास मत की मांग करना या नहीं करना राजस्थान के मंत्रिमंडल और मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। वे उचित फैसला लेंगे। राज्य विधानसभा में कांग्रेस के पास बहुमत नहीं होने के भाजपा के दावे पर उन्होंने कहा कि बीते 48 घंटे में ऐसा क्या बदल गया कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया इतने डर गए हैं कि विश्वास मत की मांग ही नहीं कर रहे।
सुरजेवाला ने कहा कि 200 सदस्यीय विधानसभा में उनके पास 109 विधायकों का समर्थन है। उन्होंने कहा कि वे जानते हैं कि हमारे पास पूर्ण बहुमत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास बहुमत है और राजस्थान के भाजपा नेता इस बात को स्वीकार कर रहे हैं। अब वे कह रहे हैं कि भाजपा राष्ट्रपति शासन की मांग नहीं कर रही है और कांग्रेस को विधानसभा सत्र नहीं बुलाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जहां तक कांग्रेस के बागी विधायकों की बात है तो वे कांग्रेस का हिस्सा हैं और पारिवारिक मामले को परिवार के भीतर की सुलझाया जा सकता है, न कि मीडिया के जरिए। सुरजेवाला ने पायलट को संदेश देते हुए कहा कि सचिन पायलट और उनके निष्ठावान नेताओं को भाजपा की मेहमाननवाजी छोड़कर अपने परिवार में लौट आना चाहिए और यदि कोई बात है तो परिवार के भीतर उन पर बात करनी चाहिए। (भाषा)