नई दिल्ली। आर्थिक समीक्षा 2018-19 में अगले दो दशक में जनसंख्या की वृद्धि दर नकारात्मक होने और भारतीय नागरिकों की जीवन प्रत्याशा बढ़ने की संभावना व्यक्त करते हुए कामगारों की सेवानिवृति की आयु बढ़ाने की सिफारिश की गई है। हाल ही में एक यूनिवर्सिटी ने अपनी अधिसूचना में उपकुलपति की नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष रखी है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार 70 की उम्र तक लोगों को नौकरी करने की अनुमति देगी।
समीक्षा में कहा गया है कि जनसंख्या के स्वरुप में बदलाव और जीवन प्रत्याशा में वृद्धि के कारण सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने की जरुरत पड़ेगी। खानपान में बदलाव, दैनिक सुविधाओं में वृद्धि तथा स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के कारण लोग 60 वर्ष की आयु में स्वस्थ होते हैं और काम करने की क्षमता होती है।
समीक्षा के अनुसार अगले दो दशकों में देश में जनसंख्या और लोगों की आयु संरचना के पूर्वानुमान नीति-निर्धारकों के लिए स्वास्थ्य सेवा, वृद्धों की देखभाल, स्कूल सुविधाओं, सेवानिवृत्ति से संबंध वित्तीय सेवाएं, पेंशन कोष, आयकर राजस्व, श्रम बल, श्रमिकों की हिस्सेदारी की दर तथा सेवानिवृत्ति की आयु जैसे मुद्दों से जुड़ी नीतियां बनाना एक बड़ा काम होगा।
समीक्षा में कहा गया है कि आबादी में 60 वर्ष आयु वर्ग वाले लोगों की संख्या 2011 के 8.6 प्रतिशत से बढ़कर 2041 तक 16 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। कामगार आबादी की संख्या 2021-31 के बीच 97 लाख प्रति वर्ष की दर से बढ़ेगी और 2031-41 के बीच यह घटकर 42 लाख प्रति वर्ष रह जाएगी। श्रम बल और एक राज्य से दूसरे राज्य में विस्थापन में बड़ी भूमिका निभायेगा।
क्या है रिटायरमेंट की उम्र : वैसे आम तौर पर एक व्यक्ति 60 साल की उम्र तक काम करता है लेकिन कुछ विभागों में रिटायरमेंट की उम्र महज 58 साल है तो कई विभागों में व्यक्ति 62 की उम्र में भी काम कर रहा है। यूपी में सरकार प्रोफेसर्स की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष तक करने की तैयारी कर रही है।
क्या 70 की उम्र तक नौकरी कर सकेंगे लोग : हाल ही में राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने वाइस चांसलर के पद के लिए आवेदन आमंत्रित किया था। अधिसूचना में आवेदन के लिए अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष रखी गई है। जबकि यूनिवर्सिटी के वीसी की अधिकतम उम्र 62 वर्ष निर्धारित है।
कम होगी जनसंख्या वृद्धि दर: संसद में आज पेश आर्थिक समीक्षा में वर्ष 2040 में भारत की जनसंख्या का खाका पेश करते हुए कहा गया है कि आने वाले दो दशकों में देश की जनसंख्या वृद्धि दर में काफी गिरावट देखी जाएगी।
वर्ष 2041 के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर जनसंख्या अनुमान यह दर्शाता है कि जनसंख्या स्वरूप में बदलाव के अगले चरण में पहुंच चुका है। आने वाले दो दशकों में जनसंख्या वृद्धि दर में भारी गिरावट, कुल गर्भधारण दर में हाल के वर्षों में आई कमी तथा वर्ष 2021 तक इसका और कम हो जाना इसकी प्रमुख वजह होगी। सभी प्रमुख राज्यों में जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट देखी जा रही है लेकिन बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में यह अभी भी काफी ऊंचे स्तर पर है।