नई दिल्ली। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले को मैच जिताने वाला छक्का बताते हुए बुधवार को कहा कि अभी इस मैच में विकास से जुड़े और भी छक्के देखने को मिलेंगे।
सामान्य वर्ग को शिक्षा एवं रोजगार में आरक्षण देने संबंधी संविधान 124वें संशोधन विधेयक पर बुधवार को राज्यसभा में चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रसाद ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सरकार ने यह साहसिक फैसला समाज के सभी वर्गों को विकास की मुख्य धारा में समान रूप से शामिल करने के लिए किया है।
सरकार पर अपने वादों को पूरा नहीं करने के विपक्ष के आरोप पर प्रसाद ने कहा ‘मैच जिताने वाला यह पहला छक्का नहीं है, अभी ऐसे और भी छक्के लगेंगे।’
उन्होंने इस विधेयक के न्यायिक समीक्षा में नहीं टिक पाने की विपक्ष की आशंकाओं को निर्मूल बताते हुए कहा कि आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा संविधान में नहीं लगाई गई है। उच्चतम न्यायालय ने यह सीमा सिर्फ पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति एवं जनजाति समूहों के लिए तय की है।
प्रसाद ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 15 में कम आय वर्ग वाले सामान्य वर्ग के लोगों को शैक्षिक आधार पर और अनुच्छेद 16 में रोजगार में नौकरी में आरक्षण के लिए संशोधन कर नए प्रावधान जोड़े जाएंगे।
संविधान के मौलिक ढांचे से छेड़छाड़ के आरोप पर प्रसाद ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 368 संसद को मौलिक अधिकार सहित संविधान के किसी भी भाग में किसी भी प्रकार का बदलाव करने का अधिकार देता है।