इस्लामाबाद। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मंगलवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने कुलभूषण जाधव को इस बात की इजाजत दे दी है कि वे खुद के लिए एक वकील रखने के लिए और समय ले सकते हैं।
कुलभूषण जाधव को एक काउंसिल देने से संबंधित मामले में जस्टिस अतहर मिनल्लाह, जस्टिस आमेर फारूक और जस्टिस मियांगुल हसन औरंगजेब की 3 सदस्यीय खंडपीठ सुनवाई कर रही थी।
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अदालत ने 5 को इस संबंध में आदेश दिया था कि कुलभूषण जाधव को वकील रखने के लिए एक और मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश के मुताबिक भारत को यह मैसेज दिया गया था लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला।
अदालत में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि भारत चाहता है कि जाधव को एक वकील दिया जाए जो बंद कमरे में अकेले उनसे बातचीत करे, लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासन कुलभूषण जाधव को भारतीय काउंसलर के साथ अकेले में बातचीत करने की इजाजत नहीं देगा।
भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच न देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) का रुख किया था। द हेग स्थित आईसीजे ने जुलाई 2019 में फैसला दिया कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराने और सजा सुनाने संबंधी फैसले की 'प्रभावी समीक्षा एवं पुनर्विचार' करना चाहिए। साथ ही जाधव तक पहुंच उपलब्ध कराने के लिए बिना देरी किए भारत को अवसर उपलब्ध कराए जाने चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने अपने 2019 के फैसले में पाकिस्तान से जाधव को सुनाई गई सजा के खिलाफ अपील करने के लिए उचित मंच उपलब्ध कराने को कहा था।