नई दिल्ली। उम्मीदों के अनुरूप अंतत: राहुल गांधी मान ही गए। उन्होंने इस्तीफे की हठ छोड़ दी है। कुछ शर्तों के साथ वे कांग्रेस अध्यक्ष बने रहेंगे।
राजधानी दिल्ली स्थित कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर मंगलवार को सुबह से ही हलचल थी। सोनिया गांधी एवं प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा, अशोक गहलोत, सचिन पायलट, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह समेत अन्य वरिष्ठ नेता भी अध्यक्ष के निवास पर मौजूद थे। सूत्रों की मानें तो कुछ शर्तों के साथ राहुल ने इस्तीफे देने की अपनी हठ छोड़ दी है।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राहुल ने गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक कहा था कि गांधी परिवार के बाहर से किसी को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। उन्हें अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका भी मंजूर नहीं थीं। हालांकि उस समय कहा जा रहा था कि देर-सवेर राहुल गांधी मान जाएंगे। और हुआ भी ऐसा ही।
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी चाहते हैं कि पार्टी से जुड़े हर बड़े फैसले लेने का अधिकार उन्हें मिले। कहा जाता है कि राहुल मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन कुछ बड़े नेताओं के कारण वे यह फैसला नहीं ले पाए।
पार्टी के नेताओं का कहता था कि गहलोत और कमलनाथ के नेतृत्व पार्टी लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी, लेकिन हुआ इसके उलट। कांग्रेस की दोनों ही राज्यों में पहले ज्यादा स्थिति खराब हो गई। ऐसा माना जा रहा है कि अब कमलनाथ और गहलोत पर गाज गिर सकती है।