नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की थी। खबरों के अनुसार राहुल गांधी अभी भी अपने फैसले पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और सांसदों की अपील के बाद भी राहुल गांधी टस से मस नहीं हो रहे हैं। बुधवार को यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस सांसदों की बैठक हुई थी। बैठक में राहुल गांधी भी मौजूद थे।
खबरों के अनुसार, इस्तीफा देने पर अड़े राहुल गांधी को मनाने की सांसदों ने भरपूर कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। करीब एक महीने से कांग्रेस के अंदर कशमकश की स्थिति बनी हुई है। राहुल ने स्पष्ट कहा कि वे चुनावों में हार की जिम्मेदारी लेते हैं और अब वे अध्यक्ष नहीं रहेंगे। पार्टी के सभी लोकसभा सांसदों ने राहुल को मनाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए। यहां तक कि शशि थरूर का यह तर्क भी बेअसर साबित हुआ कि हार सिर्फ राहुल की नहीं, बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है। राहुल ने कहा कि वे हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद को छोड़ना चाहते हैं। बैठक में राहुल समेत कांग्रेस के सभी 52 सांसद मौजूद थे।
कुछ समय पहले ही राहुल गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में अपना इस्तीफा दिया था, लेकिन उनका इस्तीफा पार्टी ने स्वीकार नहीं किया था। उन्होंने कहा था कि पार्टी अध्यक्ष किसी और को बनाया जाए। बीतों दिनों राहुल गांधी ने कहा था कि मैं ये निर्णय नहीं करूंगा कि पार्टी अध्यक्ष कौन बनेगा। इसके पहले गांधी के इस्तीफे पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने रविवार को कहा था कि एक गैर गांधी पार्टी का प्रमुख हो सकता है लेकिन गांधी परिवार को संगठन के भीतर सक्रिय रहना होगा।