Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

क्या कांग्रेस में राहुल गांधी के खिलाफ फैल रहा है असंतोष?

हमें फॉलो करें क्या कांग्रेस में राहुल गांधी के खिलाफ फैल रहा है असंतोष?
, शनिवार, 22 जून 2019 (15:49 IST)
कांग्रेस की लोकसभा चुनाव हार क्या हुई पूरी पार्टी में ही एक असंतोष की लहर ही चल पड़ी है। परोक्ष रूप से यह असंतोष कांग्रेस अध्यक्ष राहुल को लेकर भी दिखाई दे रहा है। जिन राज्यों में कांग्रेस सत्ता में नहीं है वहां के नेता तो अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, लेकिन जहां पार्टी सत्ता में है वहां भी असंतोष खदबदा रहा है।
 
असंतोष का एक बड़ा कारण यह भी है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में विधानसभा चुनावों में मिली जीत पार्टी लोकसभा चुनाव में नहीं दोहरा पाई। चूंकि लोकसभा चुनाव में प्रमुख चेहरा राहुल गांधी थे, इसके बावजूद पार्टी बुरी तरह चुनाव हार गई। इसके चलते लोगों का भरोसा राहुल के नेतृत्व को टूट रहा है।

हालांकि राहुल के खास 'दरबारियों' ने हार पर लीपापोती की कोशिश की, लेकिन जो लोग पार्टी में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे, उनके सुरों में बगावती तेवर दिखाई देने लगे हैं। 
 
हालांकि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं साथ ही वे यह भी कह चुके हैं कि पार्टी अध्‍यक्ष गांधी परिवार से बाहर का होना चाहिए। इस बीच, आश्चर्यजनक रूप से राजस्थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत का नाम पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चल पड़ा है।

आश्चर्य इसलिए भी क्योंकि जब लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा की जा रही थी तो प्रियंका गांधी ने खुले तौर पर कहा था कि मेरा भाई अकेला मोर्चा संभाल रहा था और आप सब अपने-अपने परिवार के लोगों के लिए लगे रहे।
 
 
उनका निशाना अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री कमलनाथ की तरफ था। कमलनाथ ने तो जैसे-तैसे अपने बेटे को चुनाव जितवा लिया, लेकिन राज्य में सीटें 2014 की तुलना में कम रह गईं। यहां तक कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की अनपेक्षित हार का भी कांग्रेस को सामना करना पड़ा। दूसरी ओर राजस्थान में गहलोत अपने बेटे की हार भी नहीं टाल पाए, जबकि चुनाव के दौरान राजस्थान में चर्चा थी कि राजस्थान सरकार के ज्यादातर मंत्री और एमएलए गहलोत के बेटे वैभव के चुनाव क्षेत्र में लगे हुए थे। 
 
राजस्थान में जहां गहलोत और सचिन पायलट के समर्थक आमने-सामने हैं, वहीं मध्यप्रदेश में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक एक-दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। 
 
इसका एक और उदाहरण तेलंगाना में भी देखने को मिला, जहां कांग्रेस के 18 में से 12 विधायक सत्तारूढ़ टीआरएस में शामिल हो गए और राहुल या कांग्रेस कुछ नहीं कर पाए। यूं तो यह मांग लंबे समय से है, लेकिन कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग राहुल के स्थान पर प्रियंका गांधी वाड्रा को अध्यक्ष के रूप में देखना चाहता है। क्योंकि पार्टी कार्यकर्ताओं को लगता है कि वे चमत्कार कर सकती हैं। अब कंग्रेस में असंतोष का यह 'ज्वालामुखी' किस रूप में सामने आएगा यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सत्ता में होने पर भी मध्य प्रदेश में क्यों आमने-सामने आ गए हैं कांग्रेस के दिग्गज, वेबदुनिया की इनसाइड स्टोरी