नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वंचित वर्गों को विश्वविद्यालयों में रोजगार के अवसर देने से महरूम कर दिया है, क्योंकि उनका मंत्र इन वर्गों को मुख्य धारा से बाहर करना और 'उद्योगपति मित्रों' का विकास करना है।
गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देकर प्रधानमंत्री पर हमला किया जिसमें दावा किया गया है कि उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए विभागीय स्तर पर विश्वविद्यालय के फैकल्टी पदों को आरक्षित करने की मंजूरी दे दी है जिससे उनके लिए उपलब्ध पद 25 फीसदी से 100 फीसदी तक कम हो सकते हैं।
गांधी ने ट्वीट किया कि पहले मोदीजी ने सीटें कम करके वंचित वर्ग के लोगों से शैक्षिक अवसर छीने। छात्रवृत्तियां रोकीं। रोहित वेमुला जैसे युवाओं पर हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अब 13 सूत्री रोस्टर के जरिए उनके लिए विश्वविद्यालयों में रोजगार के अवसर भी खत्म कर दिए हैं।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि उनका (मोदी) एक मंत्र है- वंचित वर्गों को मुख्य धारा से बाहर करना, उद्योगपति मित्रों का विकास करना। उच्चतम न्यायालय द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पिछले साल फैकल्टी आरक्षण लागू करने के लिए नई व्यवस्था की घोषणा की थी जिसमें संस्थानगत गणना करने के बजाय कुल पदों की विभागवार गणना की गई। (भाषा)