भारतीय वायुसेना को मिले अत्याधुनिक मल्टीरोल कॉम्बेट फाईटर्स राफेल अब भारत की सरजमीं पर पहुंच चुके हैं। राफेल की पहली स्क्वाड्रन को अंबाला एयरबेस पर तैनात किया जा रहा है।
दरअसल राफेल के स्क्वाड्रन को अंबाला में तैनात करने के पीछे भी एक खास वजह है और वो ये कि यहां से चीन-पाकिस्तान की सीमा बस 200 किमी दूर है।
अंबाला एयरबेस भारत की पश्चिमी सीमा से 200 किमी दूर है और पाकिस्तान के सरगोधा एयरबेस के नजदीक भी। यहां पर तैनाती से पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के खिलाफ तेजी से एक्शन लिया जा सकेगा। सरगोधा एयरबेस पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण और सामरिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील एयरबेस है।
यहां पाकिस्तान के स्ट्राईक कोर के एफ16 विमान तैनात हैं जिसकी परिधी में 400 किमी का क्षेत्र आता है। राफेल इस क्षेत्र में न केवल भारत का दबदबा कायम रहेगा बल्कि इसके चीन को अपने फाईटर्स का इस्तेमाल करने से पहले भी दो बार सोचना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि न सिर्फ पाकिस्तान, बल्कि चीन की सीमा से भी इसकी दूरी 200 किमी है। अंबाला एयरबेस से 300 किमी दूर लेह के सामने चीन का गर गुंसा एयरबेस है।
इसके अलावा अंबाला एयरबेस पर भारतीय वायुसेना के जगुआर और मिग-21 बाइसन जैसे फाइटर जेट भी तैनात हैं। इसके बाद राफेल की जो अगली स्क्वाड्रन आएगी, उसे पश्चिम बंगाल में मौजूद हाशिमारा एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।
वहां से बंगाल की खाड़ी और चीन से लगी सीमाओं पर भारत अपनी चौकसी और तत्परता बढ़ा सकेगा।