बरेली (उत्तर प्रदेश)। सेना के जवानों पर विवादित टिप्पणी करने वाली आईवीआरआई, बरेली में पढ़ने वाली कश्मीर की 3 छात्राओं के मामले में यहां की पुलिस ने शनिवार को अंतिम रिपोर्ट लगा दी है। इसके विरोध में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) का प्रतिनिधि मंडल सोमवार को बरेली जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) और जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से मिलेगा।
विहिप के चार जिलों के प्रभारी व विभाग अध्यक्ष पवन अरोरा ने रविवार को कहा कि देश के जवानों के खिलाफ टिप्पणी करने वालों को क्लीन चिट देना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, जिस किसी ने सेना के खिलाफ टिप्पणी की उसे सजा मिलनी चाहिए। इस तरह की कार्रवाई को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे और इस मामले में विश्व हिन्दू परिषद का प्रतिनिधि मंडल सोमवार को बरेली के एडीजी पुलिस और एसएसपी से मिलेगा।
उन्होंने कहा, आईवीआरआई में पढ़ने वाली कश्मीर की तीन छात्राओं ने पुलवामा कांड के बाद सेना के जवानों पर विवादित टिप्पणी की थी। इन टिप्पणियों के सामने आने के बाद पूरे देश के लोगों में इन छात्राओं के खिलाफ गुस्सा था, लेकिन पुलिस को न तो सैनिकों का सम्मान याद रहा और न ही देश के लोगों का गुस्सा, अगर याद रहा तो कश्मीरी छात्राओं का करियर और इसी कारण सारे आरोपों को दरकिनार कर मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगाकर मामले को खत्म कर दिया।
गौरतलब है कि यह मामला जनवरी 2019 का है। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) में पढ़ने वाली कश्मीर की तीन छात्राएं डॉक्टर उफ़क, डॉक्टर शामिया इरशाद और डॉक्टर होमेरा फयाज ने पुलवामा हमले के बाद सोशल मीडिया पर सेना के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
इससे नाराज तत्कालीन भाजपा जिला अध्यक्ष रवींद्र सिंह राठौर, विधायक राजेश मिश्रा, विहिप के विभाग अध्यक्ष पवन अरोरा आदि के साथ आईवीआरआई पहुंचे और निदेशक डॉ. आरके सिंह से विरोध जताते हुए कार्रवाई करने को कहा था।
आईवीआरआई प्रबंधन ने भी जांच में छात्राओं को दोषी पाया, इनमें एक छात्रा का नाम संस्थान से काट दिया गया, जबकि दो छात्राओं की छात्रवृत्ति रोक दी गई थी। एलआईयू की रिपोर्ट में भी विवादित टिप्पणी की बात को सही पाया गया, जिसके बाद तीनों छात्राओं के खिलाफ विहिप कार्यकर्ता अमित की तरफ से देशद्रोह के लिए भड़काने संबंधित टिप्पणी करने की रिपोर्ट दर्ज की गई।
इज्जत नगर के थाना प्रभारी निरीक्षक केके वर्मा ने बताया कि इस मामले में अंतिम रिपोर्ट लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि छात्राओं ने लिखित में दिया था कि किसी को आघात पहुंचाने का कोई उद्देश्य नहीं था, फिर भी अगर कोई आहत हुआ है तो इसके लिए वे दिल से लिखित माफी मांगती हैं।(भाषा)