भोपाल/जयपुर। संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म 'पद्मावत' के प्रदर्शन पर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाने से इंकार करने के बाद मध्यप्रदेश सरकार अब इस आदेश का पालन करवाने के लिए बाध्य है। दूसरी ओर करणी सेना ने फिल्म के खिलाफ जनता कर्फ्यू लगाने की बात कही है।
इस बीच भोपाल, इंदौर और कुछ अन्य स्थानों पर आज भी फिल्म के विरोध में प्रदर्शन की सूचनाएं यहां पहुंची हैं। राज्य के विधि एवं विधायी मंत्री रामपालसिंह ने यहां मीडिया के सवालों के जवाब में संभलकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार समाज और न्यायालय के सम्मान का ध्यान रखते हुए फैसले की समीक्षा करेगी और आवश्यक कदम उठाएगी।
राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने अशोकनगर जिले के मुंगावली में मीडिया से कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय का फैसला मानने के लिए बाध्य है। अदालत के आदेश के परिप्रेक्ष्य में सरकार स्तर पर चर्चा करके समाधान निकाला जाएगा। करणी सेना और राजपूत समाज के लोगों को भी उच्चतम न्यायालय के आदेश से अवगत कराके इस मामले का हल निकाला जाएगा।
इस बीच भोपाल में राजपूत समाज से जुडीं महिलाओं और लोगों ने यहां कलेक्टर कार्यालय के समीप पहुंचकर प्रदर्शन किया। इन आंदोलनकारियों का कहना है कि पद्मावत फिल्म का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। वहीं पुलिस ने भी सुरक्षा की दृष्टि से मोर्चा संभाल लिया।
इंदौर में भी राजपूत समाज के लोगों ने मंगल सिटी पहुंचकर फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी अपने हाथों में केसरिया ध्वज लिए हुए थे।
राज्य के मुरैना और भिंड अंचल में भी आज राजपूत समाज के लोगों द्वारा प्रदर्शन किए गए। राज्य पुलिस ने सभी पुलिस अधीक्षकों को इस मामले को लेकर सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से आवश्यक कदम उठाने और अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। राज्य में सोमवार को भी खासतौर से पश्चिमी अंचल में अनेक स्थानों पर करणी सेना और राजपूत समाज के लोगों ने चक्काजाम और प्रदर्शन किया था।
जनता कर्फ्यू लगाएगी करणी सेना : दूसरी ओर राजपूत करणी सेना ने कहा कि देशभर में 25 जनवरी को रिलीज हो रही फिल्म को रोकने के लिए जनता कर्फ्यू लगाया जाएगा। करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने बताया कि अब हम जनता के बीच जाएंगे, देशव्यापी स्तर पर फिल्म को रोकने के जनता कर्फ्यू लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि फिल्म को रोकने के लिए हम पहले ही जनता कर्फ्यू की घोषणा कर चुके हैं। इसके तहत जनता सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन रोकेगी। हमने सिनेमाघरों मालिकों और वितरकों से भी समर्थन और सहयोग मांगा है।
कालवी ने कहा कि उन्होंने देश के कई राज्यों का दौरा कर फिल्म के विरोध में मुख्यमंत्रियों से समर्थन मांगा। फिल्म के विरोध का नेतृत्व कर रहे संगठन ने फिल्म वितरकों से फिल्म वितरण के अधिकार नहीं खरीदने और सिनेमाघरों के मालिकों को फिल्म प्रदर्शित करने से इनकार करने का अनुरोध किया है। (एजेंसियां/वेबदुनिया)