नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी के दौरान देश में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनों को खो दिया। इस बीच कई बच्चे अनाथ भी हो गए हैं। ऐसे बच्चों के लिए एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) के तहत आर्थिक मदद मिलती है। आइए, जानते हैं क्या हो सकता है फायदा और कितनी मिलेगी पेंशन...
खबरों के अनुसार, एम्प्लॉई प्रॉविडेंड फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) ने ट्वीट कर एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) स्कीम के तहत कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को मिलने वाले फायदों के बारे में बताया है। हालांकि ये फायदा उन अनाथ बच्चों को मिलेगा, जिनके माता-पिता में से कोई एक या दोनों नौकरी पेशा थे और ईपीएस मेंबर रहे हों।
अनाथ बच्चों को मिलने वाली पेंशन की राशि मासिक विधवा पेंशन की 75 फीसदी होगी। यह राशि कम से कम 750 रुपएप्रति महीना होगी। एक समय पर 2 अनाथ बच्चों में से प्रत्येक को 750 रुपए प्रति महीना पेंशन मिलेगी। इस स्कीम के तहत अनाथ बच्चों को 25 साल की उम्र तक पेंशन दी जाएगी। वहीं अगर बच्चे किसी अक्षमता से पीड़ित हैं तो उन्हें जीवनभर पेंशन दी जाएगी।
योजना के लिए कंपनी की ओर से कर्मचारी के वेतन से कोई राशि नहीं काटी जाती है, बल्कि कंपनी के योगदान का कुछ हिस्सा ईपीएस में जमा किया जाता है। नए नियम के तहत 15 हजार रुपए तक बेसिक सैलरी वालों को ये सुविधा मिलती है। नए नियम के मुताबिक सैलरी का 8.33 फीसदी हिस्सा ईपीएस में जमा किया जाता है। इसके अनुसार, 15 हजार रुपए बेसिक सैलरी होने पर कंपनी ईपीएस में 1250 रुपए जमा कराती है।
पेंशन पाने वालों को कर्मचारी पेंशन योजना-1995 (EPS-95) के तहत पेंशन भुगतान के लिए हर साल पेंशनर्स को जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) या डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कराना अनिवार्य होता है।