जम्मू। कुलगाम में आतंकियों ने प्रादेशिक सेना (TA) के जवान को अगवा कर लिया है। सुरक्षाबलों ने उसे आतंकियों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग के विभिन्न हिस्सों में तलाशी अभियान चला रखा है। इस बीच, अगवा जवान के परिजनों ने आतंकियों से उसकी रिहाई की अपील करते हुए कहा है कि वह उसकी नौकरी छ़ुड़वा देंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, टीए में कार्यरत शाकिर मंजूर ईद-उल-जुहा के मुबारक मौके पर छुट्टी लेकर गत सप्ताह ही अपने घर आया था। वह शोपियां में तैनात था जबकि उसका घर कु़लगाम में है। गत शाम को वह अपनी मारुति कार जेके22 बी-3968 में वापस अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए रवाना हुआ था। देर रात रंबहामा में स्थानीय लोगों ने सड़क पर कुछ धुंआ उठता देखा। जब वे मौके पर पहुंचे तो उन्हें वहां आग की लपटों में घिरी कार नजर आई। ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने का प्रयास करते हुए पुलिस को सूचित किया।
पुलिस और सेना के जवान भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने जब छानबीन की तो पता चला कि कार मुजफ्फर मंजूर की है। कार के मालिक का पता लगाया गया। पता चला कि कार टीए का जवान शाकिर मंजूर चला रहा था। उसकी बटालियन में संपर्क किया गया तो पता चला कि वह तो वापस पहुंचा ही नहीं है। पुलिस को अपने तंत्र से पता चला है कि शाकिर मंजूर का आतंकियों ने अपहरण कर लिया है।
पुलिस ने शाकिर को आंतकियों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए सेना और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर एक तलाशी अभियान चला रखा है। संबधित सूत्रों ने बताया कि रंबहामा के साथ सटे जिला शोपियां और जिला अनंतनाग के गांवों में भी तलाशी ली जा रही है। जिस जगह कार मिली है, उसके आसपास के खेतों और बागों के ऊपर ड्रोन भी उड़ाया जा रहा है। खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। अलबता, अभी तक अगवा जवान का कोई सुराग नहीं मिला था।
पहले भी हुई हैं इस तरह की घटनाएं : जानकारी के लिए आतंकियों ने इससे पहले जून 2018 में बकरीद पर घर आ रहे पुंछ निवासी जवान औरंगजेब का दक्षिणी कश्मीर के शादीमर्ग इलाके से अपहरण कर लिया था। बाद में जवान की हत्या कर दी थी। इसी तरह शादी के सिलसिले में घर गए लेफ्टिनेंट उमर फैय्याज की आतंकियों ने नौ मई, 2017 को अपहरण करने के बाद हत्या कर दी थी। हत्या से पहले उसे काफी यातनाएं दी गई थीं। इन दो घटनाओं के अलावा एसपीओ, पुलिसकर्मियों और जवानों के अपहरण की और भी कई घटनाएं हुई हैं।