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No Confidence Motion : महंगाई, मोहब्बत की दुकान और मणिपुर की लोकसभा में रही गूंज, जानिए अविश्वास प्रस्ताव में किसने क्या कहा...

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, मंगलवार, 8 अगस्त 2023 (18:58 IST)
rahul gandhi
नई दिल्ली। No Confidence Motion :  लोकसभा में कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर बहस हुई। कांग्रेस के सांसदों ने कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार का घेराव किया। लोकसभा की कार्रवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। जानिए किसने क्या कहा-  
 
लोकसभा में मंगलवार को विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर बेरोजगारी, महंगाई, किसानों, महिलाओं से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की समस्याओं से निपटने में ‘डबल इंजन’ सरकार पूरी तरह विफल रही है और यह अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर सहित अन्य ज्वलंत मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘मौनव्रत’ तोड़ने के लिए लाया गया है।
 
विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि ‘‘जब मणिपुर जल रहा था तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उस राज्य का दौरा करने के बजाय विदेश यात्रा पर थे।’’ भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दलों को जनता की चिंता नहीं है और वे एक ऐसे प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं जो गरीब परिवार से आते हैं और जिन्होंने गरीब जनता को मकान, शौचालय और पीने का पानी उपलब्ध कराया और कमजोर वर्ग की चिंता की।
 
केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने दावा किया कि विपक्ष के सभी दांव विफल होंगे और 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत गठबंधन 400 सीटों के साथ वापसी करेगा।
 
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा के लिए रखते हुए यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया और मणिपुर के मुख्यमंत्री को पद पर क्यों बनाए रखा?
 
उन्होंने दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मौन रहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ अपनी छवि से लगाव है और वह अपनी सरकार, गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की विफलताओं को सामने नहीं आने देना चाहते।
 
कांग्रेस सांसद ने कहा कि  मैं इस अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन के दलों को आभार प्रकट करता हूं।’’
 
उनका कहना था कि यह हमारी मजबूरी है कि हमें यह अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा है। यह संख्या को लेकर नहीं है, बल्कि मणिपुर के इंसाफ के लिए है।’’
 
गोगोई ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव हम मणिपुर के लिए लाए हैं। आज मणिपुर इंसाफ मांगता है, मणिपुर के युवा, महिलाएं इंसाफ मागते हैं।’’
 
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी मांग थी कि देश के मुखिया होने के नाते प्रधानमंत्री सदन में बयान दें और यहां से सदेश दिया जाए कि दुख की घड़ी में हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं।
 
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मौन व्रत लिया। इसलिए हम इस अविश्वास प्रस्ताव को लाए क्योंकि हम प्रधानमंत्री का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं।’’
 
गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को कबूल करना होगा कि मणिपुर में ‘डबल इंजन’ की सरकार विफल हो चुकी है।
 
उन्होंने कहा कि आज आप (भाजपा) जितनी भी नफरत फैलाएं, हम राहुल गांधी के नेतृत्व में जगह-जगह मोहब्बत की दुकान खोलेंगे।
 
चर्चा में हिस्सा लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के निशिकांत दुबे ने कहा कि ‘‘आज यह अविश्वास प्रस्ताव एक गरीब के बेटे के खिलाफ लाया गया है। यह प्रस्ताव उस व्यक्ति (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) के खिलाफ है जिसने गरीबों को मकान बनाकर दिये, जिसने गरीब जनता को पीने का पानी दिया, शौचालय दिये, जिसने गरीब के घर में उजाला लाने की कोशिश की।’’
 
दुबे ने कहा कि विपक्षी दलों का विरोध इस बात पर है कि प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में गरीब के घर में चूल्हा क्यों जल रहा है, विदेशी नेता प्रधानमंत्री का सम्मान क्यों करते हैं।
 
उन्होंने कहा कि महाभारत में द्रोपदी का चीरहरण हो रहा था और भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, धृतराष्ट्र आदि सब मौन धारण किये हुए थे।
 
दुबे ने कहा कि इसी तरह आज जब आप (विपक्ष) प्रधानमंत्री का, गरीबों और किसानों के एक हितैषी का चीरहरण करेंगे तो जिस तरह उस समय भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, धृतराष्ट्र में से कोई नहीं बचा, उसी तरह 2024 में आपमें से कोई नहीं बचेगा। हम 400 सीट के साथ सत्ता में वापस आएंगे।’’ दुबे ने कहा कि विपक्षी सांसद अपने गठबंधन ‘इंडिया’ की बात करते हैं लेकिन इनमें से कुछ को ही इसका विस्तृत नाम पता होगा।
 
उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन में सारे दल एक दूसरे से लड़ रहे हैं, लेकिन नाम ‘इंडिया’ रखा है। दुबे ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष ने आजादी के बाद से देश का जितना नाम नहीं लिया होगा, उतनी बार ‘इंडिया इंडिया’ के नारे लगा दिये।
 
दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि यह अविश्वास प्रस्ताव नहीं है, बल्कि विपक्ष में विश्वास का प्रस्ताव है जिससे यह पता चल जाए कि विपक्ष में कौन किसके साथ है।
 
उन्होंने कहा कि एक दूसरे से लड़ने वाले दल आज प्रधानमंत्री के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव लाये हैं।
 
चर्चा में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि आज उन्हें प्रधानमंत्री के बारे में व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं कहना, उनकी शिक्षा के बारे में नहीं कहना, बीबीसी वृतचित्र के बारे में कुछ नहीं कहना और न ही गुजरात दंगों के बारे में कुछ कहना है।
 
उन्होंने कहा कि लेकिन आज वह कहना चाहते हैं कि केंद्र की वर्तमान सरकार ‘वादे पूरे करने में विफल रहने वाली’ और ‘विनाशकारी नीतियों’ वाली सरकार है।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की वर्तमान सरकार संघीय ढांचे को नष्ट कर रही है और इसका नुकसान पश्चिम बंगाल झेल रहा है।
 
सौगत राय ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल का मनरेगा कोष रोक लिया गया है, वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना की निधि जारी नहीं की गई है।
 
उन्होंने मणिपुर का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सरकार हृदयविहीन सरकार है और उसने मणिपुर के लोगों की सुध तक नहीं ली।
 
तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा कि मई से जुलाई तक प्रधानमंत्री ने सात देशों की यात्रा की जिनमें आस्ट्रेलिया, अमेरिका, मिस्र, पापुआ न्यगिनी जैसे देश शामिल हैं। लेकिन वे मणिपुर नहीं गए।’’ वहीं, बीजद के नेता पिनाकी मिश्रा ने कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि उनकी पार्टी की स्थापना कांग्रेस के विरोध की बुनियाद पर हुई थी और वह कभी कांग्रेस के प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकती।
 
उन्होंने कहा कि बीजद को लगता है कि यह अविश्वास प्रस्ताव लाने का सही समय नहीं है।
 
मिश्रा ने कहा कि यह प्रस्ताव केवल प्रधानमंत्री को सदन में लाने के लिए लाया गया है। कांग्रेस जानती है कि हर बार प्रधानमंत्री जब सदन में बोलते हैं तो कांग्रेस को पूरी तरह धराशायी कर देते हैं। सब जानते हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रधानमंत्री एक बेमिसाल वक्ता हैं। देश में इस समय उनके स्तर का वक्ता नहीं है। वह बृहस्पतिवार को इस चर्चा के जवाब में भी ऐसा ही करेंगे। ’’
 
बीजद सांसद ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि ये लोग (कांग्रेस) प्रधानमंत्री को सदन में बुलाकर आफत मोल क्यों लेते हैं। यह कांग्रेस की सामान्य समझ, राजनीतिक समझ को दर्शाता है।
 
मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को इस प्रस्ताव को लाने का कोई फायदा नहीं होगा और यह मत विभाजन में गिर जाएगा। एजेंसियां  Edited By : Sudhir Sharma

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