मुंबई। मुकेश अंबानी के आवास 'एंटीलिया' के बाहर मिली विस्फोटकों वाली स्कॉर्पियों मामले में नया मोड़ आ गया है। अब इस मामले की जांच एनआईए (NIA) करेगी। उल्लेखनीय हाल ही में इस कर के मालिक मनसुख की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। दूसरी ओर, विपक्ष जहां इस मामले की जांच एनआईए से चाहता था, वहीं सत्ता का कहना है कि राज्य सरकार की एजेंसियां इस मामले की जांच करने में सक्षम हैं।
एनआईए के आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एजेंसी ने मामला अपने हाथ में ले लिया है और इस मामले में नए सिरे से मामला दर्ज करेगी।
इस बीच, महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को एक बार फिर कहा कि ऑटो पार्ट्स डीलर हीरेन मनसुख की मौत की घटना तथा उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के निकट विस्फोटकों से लदा वाहन मिलने के मामलों को सुलझाने में राज्य की पुलिस सक्षम है। देशमुख ने राज्य विधानसभा में यह बयान दिया।
हीरेन की पत्नी ने पति की हत्या का संदेह जताया था। इसके बाद एटीएस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 201 तथा 120 (बी) के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अंबानी के घर के निकट मिले विस्फोटक से लदे वाहन के मालिक हीरेन मनसुख (46) का शव 5 मार्च को पड़ोसी ठाणे में एक नाले के किनारे पड़ा मिला था। इसके कुछ घंटे पहले से वह लापता थे।
गौरतलब है कि दक्षिण मुंबई में अंबानी के बहुमंजिला घर 'एंटीलिया' के निकट 25 फरवरी को हीरेन की 'स्कॉर्पियो' कार के अंदर जिलेटिन की 20 छड़ें रखी हुई मिली थीं। पुलिस ने कहा था कि कार 18 फरवरी को एरोली-मुलुंद ब्रिज से चोरी हुई थी। देशमुख ने सदन में कहा कि इस पूरे मामले में उचित जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस इस मामले को सुलझाने में सक्षम है। आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने जांच शुरू कर दी है।
दूसरी ओर, विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हीरेन को संरक्षण देने में विफल रही राज्य सरकार को अपने पर शर्म आनी चाहिए। फडणवीस ने कहा कि मैं पहले दिन से ही कहता आ रहा हूं कि हीरेन का जीवन को खतरा है। हीरेन जांच के अहम चश्मदीद थे।
हीरेन ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री अनिल देशमुख और ठाणे तथा मुंबई के पुलिस आयुक्तों को कथित तौर पर दो मार्च को पत्र लिखा था, जिसमें आरोप लगाया था कि अंबानी के घर के बाहर वाहन मिलने की घटना के बाद से पुलिस और मीडिया उन्हें परेशान कर रही है। उन्होंने यह भी कहा था कि वह स्वयं पीड़ित हैं, लेकिन उनके साथ आरोपी जैसा बर्ताव किया जा रहा है।