मुंबई। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से लदे वाहन के मालिक के मृत पाए जाने के एक दिन बाद विपक्षी भाजपा ने शनिवार को कहा कि यह हत्या का मामला प्रतीत होता है और पार्टी ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए।
शिवसेना के नेता और राज्यसभा के सदस्य संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की छवि और प्रतिष्ठा के लिए जरूरी है कि हीरेन मनसुख की रहस्यमय मौत से पर्दा उठे। मनसुख को उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास मिले विस्फोटकों से लदे वाहन का मालिक बताया जाता है।
पुलिस ने बताया था कि करीब 45 वर्षीय मनसुख ठाणे में मुंबई-रेती बंदर रोड पर एक नदी के किनारे शुक्रवार की सुबह मृत पाए गए थे। राउत ने कहा कि मनसुख की रहस्यमय मौत निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उनके स्कॉर्पियो वाहन का इस्तेमाल अंबानी के आवास के पास विस्फोटक रखने में किया गया था।
उन्होंने कहा, उनकी मौत का राजनीतिकरण करना और सरकार को घेरना गलत है। इस बात पर संदेह है कि मनसुख की मौत आत्महत्या थी या हत्या। मामले में वह महत्वपूर्ण गवाह थे। उन्होंने कहा, गृह विभाग को जल्द से जल्द सच्चाई का पता लगाना चाहिए। यह महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार की प्रतिष्ठा और छवि के लिए महत्वपूर्ण है।
राकांपा के नेता और राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि मामले की जांच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा से लेकर राज्य के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को सौंप दी गई है। राउत ने कहा कि विपक्षी दल भाजपा मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने की मांग कर रही है।
उन्होंने कहा, गृहमंत्री ने मामले को एटीएस को सौंप दिया है, जो इसे सुलझाने में सक्षम है। हमें विश्वास करना चाहिए। राज्य भाजपा के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने जांच की गंभीरता पर सवाल उठाए। पाटिल ने कहा, प्रथमदृष्ट्या उनकी हत्या हुई, लेकिन जांच की गंभीरता को लेकर मुझे संदेह है।
उन्होंने राज्य सरकार पर राजनीति के अपराधीकरण को बढ़ावा देने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा, दो वर्षों से भी कम समय में कई मंत्रियों को गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा लेकिन उनमें से कोई भी पद से नहीं हटा, सिवाय हाल में वनमंत्री के इस्तीफे के।
पुणे में एक महिला की मौत से नाम जुड़ने के बाद हाल में वनमंत्री संजय राठौड़ ने इस्तीफा दिया था। इस बीच, भाजपा नेता आशीष शेल्लार ने शिवसेना नीत सरकार पर निशाना साधा और मनसुख के पोस्टमॉर्टम के समय मुठभेड़ विशेषज्ञ सहायक पुलिस निरीक्षक की मौजूदगी पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, मनसुख के पोस्टमॉर्टम के वक्त मुठभेड़ विशेषज्ञ की मौजूदगी संदिग्ध है क्योंकि वह न तो ठाणे पुलिस में हैं, न ही एटीएस में, जो मामले की जांच कर रही है। इससे यह पता चलता है कि यह सरकार कुछ छिपाना चाहती है। शेल्लार ने मामले की जांच में यू-टर्न लेने के लिए गृहमंत्री की भी आलोचना की।
उन्होंने पूछा, गृहमंत्री ठाणे और मुंबई पुलिस और उनकी उपलब्धियों की प्रशंसा कर रहे थे, लेकिन आधे घंटे के अंदर ही उन्होंने जांच एटीएस को सौंप देने की घोषणा की। तो आधे घंटे में ऐसा क्या हुआ कि उन्हें जांच एटीएस को सौंपनी पड़ी?
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता संदीप देशपांडे ने मांग की कि मामले की जांच किसी निवर्तमान न्यायाधीश से कराई जाए। पुलिस के मुताबिक, वाहनों के कल-पुर्जे का व्यवसाय करने वाले हीरेन गुरुवार की रात साढ़े आठ बजे ठाणे में अपनी दुकान से निकलने के बाद से लापता थे।(भाषा)