नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार को एक स्थिति रिपोर्ट नहीं जमा करने को लेकर फटकार लगाई है। इस रिपोर्ट में सरकार को बताना था कि सरकारी इमारतों, पुलों और फ्लाइओवरों पर वर्षा जल संग्रहण तंत्र स्थापित किए गए हैं या नहीं और यह तंत्र चालू हैं या नहीं।
एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली सरकार को यह रिपोर्ट जमा कराने का आखिरी मौका दिया है और आदेश का पालन नहीं करने पर मामले से संबंधित सचिव को तलब करने की चेतावनी भी दी है।
पीठ ने कहा कि कई बार आदेश देने के बावजूद दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र द्वारा स्थिति रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है। एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का आखिरी मौका दिया गया है। ऐसा नहीं कर पाने की सूरत में दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के संबंधित सचिव को अगली सुनवाई में अधिकरण के समक्ष पेश होना होगा। पीठ में न्यायमूर्ति जावेद रहीम भी शामिल थे।
अधिकरण ने इससे पहले केंद्र और दूसरे सार्वजनिक अधिकरणों को निर्देश दिए थे कि सरकार द्वारा निर्मित प्रत्येक परियोजना में वर्षा जल संग्रहण प्रणाली स्थापित की जाए। इनमें फ्लाइओवर, पुल या अन्य सरकारी निर्माण गतिविधियां शामिल हैं।
अधिकरण ने केंद्र, दिल्ली सरकार और सभी सार्वजनिक अधिकरणों को कहा था कि वह सुनिश्चित करें कि किसी भी परियोजना को तब तक स्वीकृति न दें जबतक निविदा दस्तावेज में इस खास शर्त का उल्लेख न हो कि उन्हें परियोजना के हिस्से के तौर पर पर्याप्त क्षमता वाली वर्षा जल संग्रहण प्रणाली का निर्माण करना होगा।
यह निर्देश, महरौली निवासी विनोद कुमार द्वारा दाखिल एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिए गए जो चाहते थे कि 100 वर्ग मीटर और उससे ऊपर की सभी सरकारी इमारतों के लिए वर्षा जल संग्रह तंत्र बनाने को अनिवार्य करने के आदेश दिए जाएं। (भाषा)