नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा कि स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (एनसीएफ) में 15 साल बाद बदलाव किया जा रहा है और नई रूपरेखा का मसौदा दिसंबर तक तैयार हो जाएगा। वहीं नया पाठ्यक्रम अगले साल मार्च तक तैयार हो जाने की संभावना है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, स्कूली शिक्षा के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करने का काम शुरू हो चुका है। एनसीईआरटी से उम्मीद की जाएगी कि वह नए पाठ्यक्रम के मुताबिक किताबों में जरुरी बदलाव करे। स्कूली शिक्षा के लिए इस प्रक्रिया की शुरुआत विषयों के विशेषज्ञ करेंगे और दिसंबर 2020 तक अंतरिम रिपोर्ट देंगे।
नया पाठ्यक्रम मार्च 2021 तक तैयार होने की संभावना है। मंत्रालय ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को निर्देश दिया है कि पाठ्य पुस्तकों में बदलाव करते हुए यह ध्यान रखा जाए कि तथ्यों के अलावा उसमें और कुछ ना हो।
मंत्रालय ने कहा है कि पाठ्य पुस्तकों में किताबी ज्ञान बहुत ज्यादा है। उनमें अतिरिक्त चीजें जैसे रचनात्मक सोच, जीवन से जुड़े कौशल, भारतीय संस्कृति, कला और अन्य चीजों को शामिल किया जाए।एनसीईआरटी की किताबों में अभी तक सिर्फ पांच बार, 1975, 1988, 2000 और 2005 में बदलाव हुआ है।
नए पाठ्यक्रम के हिसाब से कक्षा एक से लेकर 12 तक की सभी पुस्तकों में बदलाव होंगे। इसके अलावा मंत्रालय ने एनसीईआरटी से कहा है कि वह ऐसे छात्रों के लिए पूरक पाठ्य सामग्री तैयार करे, जिनके पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
मंत्रालय ने एनसीईआरटी को कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान वह पूरक पाठ्य सामग्री तैयार करे, खासतौर से उनके लिए जिनके पास इंटरनेट उपलब्ध नहीं है। एनसीईआरटी पहली से पांचवीं कक्षा तक के लिए ऐसी पाठ्य सामग्री दिसंबर 2020 तक और छठवीं से 12वीं तक के लिए जून 2021 तक चरणबद्ध तरीके से तैयार करे।(भाषा)