पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं पर सख्‍त हुई सरकार, कड़ा कानून बनाने पर विचार

Webdunia
शुक्रवार, 20 जुलाई 2018 (09:33 IST)
नई दिल्ली। समझा जाता है कि केंद्र सरकार ने भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए नया कानून बनाने की संभावना पर प्रारंभिक बातचीत शुरू कर दी है। इस विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है कि भारतीय दंड संहिता में संशोधन कर ‘भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने’ को दंडात्मक अपराध बनाया जाए।


यह जानकारी गुरुवार को सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। अधिकारी ने बताया कि एक अन्य विकल्प पर विचार किया जा रहा है कि एक आदर्श कानून तैयार किया जाए जिसे राज्य भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाओं पर लगाम लगा सकें।

उन्होंने कहा, हर चीज प्रारंभिक चरण में है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के आदेश में केंद्र से नया कानून बनाने के मसले पर भी विचार किया जाना है। उन्होंने कहा कि इस पर काफी समय लग सकता है। सरकार सोशल मीडिया से जुड़े प्रारूप को और मजबूत कर सकती है।
उन्होंने कहा कि ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि अफवाहों के कारण हो रही इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। भारत में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या की बढ़ती घटनाओं की निंदा करते हुए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सरकार से इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए कानून बनाने को कहा था। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

देश जैसा चाहता है, वैसा होकर रहेगा, राजनाथ सिंह की पाकिस्तान को खुली चेतावनी

कांग्रेस ने कई गलतियां कीं... राहुल गांधी ने क्यों कहा ऐसा?

पश्चिम बंगाल में कैसे चुनौती बन रहा है कट्टरपंथ, राज्यपाल ने मुर्शिदाबाद दंगों को लेकर गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट, क्या दिए सुझाव

Pakistan Ranger : गिरफ्त में पाकिस्तानी रेंजर, क्या था मकसद, BSF को मिले नए ऑर्डर

Pahalgam Attack के बाद अब तक 39 लोग गिरफ्तार, असम में कर रहे थे पाकिस्तान का समर्थन

सभी देखें

नवीनतम

जनता भूखे मर रही और पाकिस्तान ने मंत्रियों की सैलरी 188% बढ़ा दी, ये है देश के हाल

Weather Update: प्री मानसून से अनेक राज्यों में हुई वर्षा, इंदौर में पौने 3 इंच पानी गिरा, IMD का अलर्ट

देश में कड़ी सुरक्षा के बीच 5,400 से अधिक केंद्रों पर आयोजित हुई NEET-UG

एजाज खान पर महिला ने लगाया बलात्कार का आरोप, दर्ज हुआ मामला

विदेश मंत्री जयशंकर की यूरोप को दो टूक, भारत को दोस्त चाहिए, ज्ञान देने वाले नहीं

अगला लेख
More