लोकसभा चुनाव से ठीक पहले महिला वोट बैंक को साधने के लिए मोदी सरकार अपना मास्टर स्ट्रोक चलने जा रही है। संसद के विशेष सत्र में मोदी सरकार महिला आरक्षण बिल को ला सकती है। आज संसद के विशेष सत्र के पहले दिन के बाद देर शाम हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी गई। इसके बाद अब यह माना जा रहा है कि सरकार मंगलवार या बुधवार को संसद में महिला आरक्षण बिल को पास कराने के लिए ला सकती है। हलाकि अभी कैबिनेट की फैसले को लेकर सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
दरअसल महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक संसद में 27 साल से लंबित है। 27 साल पहले देवगौड़ा सरकार के समय महिलाओं के संसद और विधानसभा में 33 फीसदी का मुद्दा उठा था। महिला आरक्षण बिल कई बार लोकसभा में पेश भी किया जा चुका है, लेकिन आम सहमति कभी नहीं बन पाई। महिला आरक्षण विधेयक संविधान में संशोधन करने वाला विधेयक है, ऐसे में बिल को पास कराने को लेकर कई तरह की परेशानी है। ऐसे में मोदी सरकार महिला आरक्षण कानून पास कर लोकसभा चुनाव को लेकर एक मास्टरस्ट्रोक चल सकती है।
महिला वोट बैंक पर भाजपा की नजर- महिला आरक्षण बिल लाकर मोदी सरकार आधी आबादी महिला वोट बैंक को साधना चाह रही है। वर्तमान में लोकसभा में 15 फीसदी और राज्यसभा में 14 फीसदी महिलाएं है। वही सरकार की ओर से महिला आरक्षण बिल लाने के बाद महिलाओं के 33 फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ हो जाएगा। अगर लोकसभा की वर्तमान सदस्य संख्या 543 को देखा जाए तो बिल पास होने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में महिला सांसदों की संख्या 180 के आसपास पहुंच जाएगी।