नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दे दी। इसके तहत 2030 तक सालाना 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा। इस मिशन से 8 लाख करोड़ रुपए का सीधा निवेश होगा। 6 लाख नौकरियां इससे मिलेंगी। 50 मिलियन टन ग्रीन हाउस उत्सर्जन को कम किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि PM मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। आज नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। भारत ग्रीन हाइड्रोजन का ग्लोबल हब बनेगा। प्रतिवर्ष 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन होगा।
ठाकुर ने कहा कि क्रेता-विक्रेताओं को एक छत के नीचे लाने के लिए हरित हाइड्रोजन केंद्र विकसित किया जाएगा। देश में इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण को लेकर पांच साल के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत 19,744 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि 382 मेगावाट के सुन्नी बांध हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश के लिए मंजूर किया गया है। 2,614 करोड़ रुपए की लागत इसमें आएगी। ये सतलुज नदी पर बनेगा।
Edited by : Nrapendra Gupta