Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

manipur : देश के लिए लड़ी कारगिल की जंग, पर पत्नी को नहीं बचा सका, मणिपुर की पीड़ित महिला के पति ने सुनाई खौफ की कहानी

हमें फॉलो करें manipur : देश के लिए लड़ी कारगिल की जंग, पर पत्नी को नहीं बचा सका, मणिपुर की पीड़ित महिला के पति ने सुनाई खौफ की कहानी
, शनिवार, 22 जुलाई 2023 (20:08 IST)
manipur woman paraded video  : मणिपुर में 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने की घटना आने के बाद पूरे देश में गुस्सा और उबाल है। इस मामले में मणिपुर सरकार के ढीले रवैए को लेकर निशाने पर है। पूर्वोत्तर का यह राज्य हिंसा से सुलग रहा है। इसी बीच पीड़ित महिला के पति ने टीवी चैनल को इंटरव्यू देकर खौफ के उस पल को बताया है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस मूकदर्शक बने ये सब देख रही थी।
 
बड़ी बात यह कि पीड़ित महिलाओं में से एक का पति भारतीय सेना में रह चुका है औरी वह करगिल युद्ध भी लड़ चुका है। चैनल आजतक को दिए इंटरव्यू में कहा कि मैंने कारगिल युद्ध में देश के लिए लड़ाई लड़ी और भारतीय शांति सेना के हिस्से के रूप में श्रीलंका में भी था, लेकिन मैं पत्नी और ग्रामीणों को नहीं बचा सका। 
उन्होंने बताया कि 4 मई की सुबह एक भीड़ ने इलाके के कई घरों को जला दिया। दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर दिया और उन्हें लोगों के सामने गांव की सड़क पर चलने के लिए मजबूर किया। 
 
उन्होंने भीड़ उनके परिवार के साथ जानवरों की तरह व्यवहार कर रही थी। इस दौरान पुलिस मौन होकर ये सब देख रही थी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कुछ नहीं किया। उन्होंने इन दरिंदों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की भी मांग की।

महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन : मणिपुर में 2 महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने तथा उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना का वीडियो सामने आने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों की महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
 
मणिपुर की महिला अधिकार कार्यकर्ता और 'वुमेन एक्शन फॉर डेवलपमेंट' (डब्ल्यूएडी) की सचिव सोबिता मंगसातबम ने ‘बताया कि इस वीडियो के माध्यम से सामने आई घटना 'चौंकाने वाली, दुर्भाग्यपूर्ण और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है।'
 
उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों को संघर्ष की स्थिति में हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और मणिपुर में भी यही हो रहा है। राज्य में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा का एक लंबा इतिहास रहा है, लेकिन यह दुखद स्थिति है कि उन्हें कोई न्याय नहीं मिलता है।
 
मंगसातबम ने कहा कि मणिपुर लगभग तीन महीने से जातीय हिंसा की चपेट में हैं, लेकिन दो महिलाओं के 'चौंकाने वाले वीडियो' सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिक्रिया आई। मंगसातबम ने अधिकारियों से इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करने की भी अपील की।
 
'मिजोरम राज्य महिला आयोग' (एमएससीडब्लू), 'अरुणाचल प्रदेश महिला कल्याण सोसाइटी' (एपीडब्लूडब्लूएस) और 'नगा मदर्स एसोसिएशन' (एनएमए) ने भी राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्लू) और मणिपुर सरकार को पत्र लिखकर दोनों महिलाओं के लिए न्याय और सभी महिलाओं और कमजोर वर्गों के लोगों के लिये एक सुरक्षित माहौल बनाने की मांग की है।
 
'नगा मदर्स एसोसिएशन' ने एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में कहा कि मणिपुर में जारी हिंसा में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का आह्वान किया।
 
पत्र में कहा गया है कि यह शर्म की बात है कि महिलाओं और युवा लड़कियों को निशाना बनाया गया और उनके साथ हिंसा की जा रही है, जिसमें दुष्कर्म और हत्याएं भी शामिल हैं।
 
'नॉर्थ ईस्ट नेटवर्क' (असम, मेघालय और नगालैंड चैप्टर) ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए नियुक्त सरकारी संस्थान, महिलाओं और प्रभावित समुदायों की शिकायतों और बयानों के बावजूद मूकदर्शक बने रहे।
 
'नॉर्थ ईस्ट नेटवर्क' की प्रवक्ता अनुरिता पाठक हजारिका ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मणिपुर, आज ऐसी हिंसक घटनाओं का गवाह बन रहा है लेकिन पूरे देश में हर समुदाय, घरों, कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के खिलाफ इसी तरह के अपराध बेरोकटोक जारी हैं। Edited By : Sudhir Sharma  

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

एआई के उपयोग से नौकरियां कम नहीं होतीं, काम की प्रकृति बदलती है : इंडियामार्ट सीईओ