Ashok Gehlot's counterattack on PM Modi : मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली प्रतिक्रिया में राजस्थान का जिक्र आने पर पलटवार करते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने राजस्थान के स्वाभिमान पर चोट की है, साथ ही गहलोत ने कहा कि देश की जनता मोदी नीत सरकार के कारनामों व लापरवाही से दुखी है।
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाए जाने की घटना पर गुरुवार को कहा था, घटना चाहे राजस्थान की हो, चाहे छत्तीसगढ़ की हो या फिर मणिपुर की, हिंदुस्तान के किसी भी कोने में किसी भी राज्य की सरकार को राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था को महत्व देना चाहिए और नारी के सम्मान की रक्षा करनी चाहिए।
इसका जिक्र करते हुए गहलोत ने शनिवार को यहां मीडिया से कहा, प्रधानमंत्री ने राजस्थान के स्वाभिमान पर चोट की है। मोदी ने कहा था, मणिपुर की जो घटना सामने आई है वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है, 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है।
गहलोत ने कहा, देश की 140 करोड़ जनता को शर्मसार नहीं होना पड़ रहा है बल्कि वह आपकी सरकार के कारनामों, आपकी विफलता और आपकी लापरवाही से दुखी है। गहलोत ने कहा कि 77 दिन तक मोदी ने इस मुद्दे पर एक शब्द नहीं बोला लेकिन उच्चतम न्यायालय से संकेत मिलने के बाद कुछ सेकंड में ही अपनी बात रखकर औपचारिकता पूरी कर दी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सब उस मणिपुर राज्य में हो रहा है जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। उन्होंने कहा, अगर वहां कांग्रेस नीत सरकार होती तो आप कल्पना कीजिए वे क्या-क्या नहीं बोलते? ये बातें देश में हो रही हैं जो बहुत दुखद हैं।
मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी द्वारा कानून व्यवस्था, पेपर लीक सहित कई मुद्दों को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधे जाने पर गहलोत ने कहा, ये माहौल खराब कर रहे हैं इनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। ये बस रटी-रटाई बातें करते हैं। हमने विकास में कमी रखी हो तो बताएं।
उन्होंने कहा, हमारी योजनाओं और फैसलों से घबराकर भाजपा के लोगों ने तय किया कि राज्य सरकार को किस तरह से बदनाम किया जाए। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने थानों में प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है और इसके कारण अपराध के बढ़े हुए आंकड़ों का भाजपा दुरुपयोग कर रही है।
साथ ही मुख्यमंत्री ने मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त किए जाने संबंधी सवाल को यह कहते हुए टाल दिया कि यह पार्टी का अंदरुनी मामला है। गुढ़ा को शुक्रवार को मंत्रिपरिषद से हटा दिया गया था।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)