चंडीगढ़। हरियाणा में शनिवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में मनोहर लाल खट्टर को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। वह रविवार को दोपहर 2 बजे शपथ लेंगे।
पाटी के 40 नवनिर्वाचित विधायकों की यहां यूटी गैस्ट हाउस में करीब 11.30 बजे बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह बतौर केंद्रीय पर्यवेक्षक और प्रदेश मामलों के प्रभारी अनिल जैन भी उपस्थित थे।
करीब 10 मिनट तक चली इस बैठक में विधायक दल के नेता पद के लिए खट्टर के नाम का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सभी ने सर्वसम्मति से सहमति प्रदान की। खट्टर के विधायक दल का नेता चुने जाते ही उन्हें मिठाई खिलाकर और पुष्पगुच्छ देकर बधाइयां देने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का तांता लग गया।
खट्टर का साफ-सुथरी सरकार का वादा : खट्टर ने इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने गत पांच साल साफ सुथरी सरकार दी है तथा आगे वह जजपा और अन्य विधायकों को साथ लेकर साफ सुथरी सरकार देने का वादा करते हैं। उन्होंने उन्हें विधायक दल का नेता चुने जाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों का आभार व्यक्त किया।
हालांकि विधायक दल की बैठक हालांकि महज एक औपचारिकता थी क्योंकि पार्टी पहले से ही तय कर चुकी थी कि खट्टर ही अगली सरकार की अगुवाई करेंगे। बैठक के बाद, खट्टर हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मुलाकात करेंगे और राज्य में अगली सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला के भी दोपहर में चंडीगढ़ पहुंचने की संभावना है और वह अपनी पार्टी का समर्थन भाजपा को देने संबंधी पत्र सौंपने के लिए राज्यपाल से मिलेंगे।
नई सरकार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर होंगे जबकि डिप्टी सीएम का पद JJP के खाते में गया है। हालांकि यह साफ नहीं है कि दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं। शपथ ग्रहण समारोह दिवाली के बाद होने की संभावना है।
शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दुष्यंत चौटाला, मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा प्रभारी अनिल जैन से बैठक के बाद JJP से गठबंधन की घोषणा की। आज विधायक दल की बैठक के बाद सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी। खट्टर आज ही राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
जेजेपी में विरोध : हालांकि भाजपा का समर्थन करने पर जेजेपी में विरोध के स्वर भी देखे गए। करनाल से चुनाव लड़े तेज प्रकाश ने पार्टी छोड़ दी। बताया जा रहा है कि वह जेजेपी के इस फैसले से नाराज हैं।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 40 सीटें जीती थी और उसे सरकार बनाने के लिए 6 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता थी। भाजपा ने सरकार बनाने के लिए पहले निर्दलीयों को साधा और फिर JJP को भी राजी कर लिया। इस तरह भाजपा के पास अब 57 विधायकों का समर्थन है।