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भतिजे अजित पवार का बड़ा झटका, 80 के दशक में शरद पवार से सीखे थे राजनीति के गुर

हमें फॉलो करें भतिजे अजित पवार का बड़ा झटका, 80 के दशक में शरद पवार से सीखे थे राजनीति के गुर
, रविवार, 2 जुलाई 2023 (15:33 IST)
Maharashtra Political Drama : महाराष्‍ट्र की राजनीति में शरद पवार (Sharad Pawar) को उस समय बड़ा झटका लगा जब पार्टी के दिग्गज नेता छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल समेत कई दिग्गज नेताओं के साथ भतिजे अजित पवार (Ajit Pawar) शिंदे सरकार में शामिल हो गए। पवार समर्थकों का दावा है कि पार्टी के 40 से अधिक विधायक उनके साथ है। 
 
अजित पवार के पिता अनंतराव पवार ने जानेमाने फिल्मकार वी शांताराम के साथ काम किया था। जिस तरह अजित पवार अचानक भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के साथ आ गए, वह किसी बॉलीवुड थ्रिलर की तरह ही लगता है। ऐसा माना जाता है कि अजित एक सख्त प्रशासक हैं और अपने विधानसभा क्षेत्र बारामती में बेहद लोकप्रिय हैं, लेकिन साथ ही वे अपने मन की करने के लिए भी जाने जाते हैं।

वे 5‍वीं बार महाराष्‍ट्र के डिप्टी सीएम बने हैं। इससे पहले भी वे 2019 में शरद पवार को दगा देकर देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री बने थे। हालांकि कुछ ही समय में उनका देवेंद्र फडणवीस से मोहभंग हो गया। वे फिर चाचा की पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी ने फिर उन्हें MVA सरकार में मंत्री बना दिया।
 

यही वजह है कि पार्टी से अलग राह पकड़ने में उन्हें कोई हिचक नहीं हुई। दादा के नाम से मशहूर अजित ने 1980 के दशक में शरद पवार के सान्निध्य में जमीनी राजनीति के गुर सीखे। उन्होंने 1991 में बारामती विधानसभा सीट से उप चुनाव लड़कर चुनावी राजनीति में कदम रखा और तब से वे लगातार 7 बार इस पारिवारिक सीट से जीत का परचम लहरा चुके हैं।
 
इस बार विधानसभा चुनाव में वे सबसे अधिक 1.65 लाख वोटों के अंतर से जीतने में कामयाब रहे। इस तरह उन्होंने क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ को एक बार फिर साबित किया। अजित जून 1991 में सुधाकरराव नाइक की सरकार में पहली बार राज्यमंत्री बने। वे अपने 3 दशक के राजनीतिक जीवन में अभी तक कृषि, जल संसाधन, ग्रामीण मृदा संरक्षण, सिंचाई और बिजली तथा योजना जैसे मंत्रालय संभाल चुके हैं।
 
वे नवंबर 2010 में पहली बार राज्य के उप मुख्यमंत्री बने। उन पर सिंचाई घोटाले में शामिल होने के आरोप भी लगे और प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन का एक मुकदमा भी दर्ज किया।

अजित पवार का जन्म 22 जुलाई 1959 को अहमदनगर के देवलाली प्रवरा में एक किसान परिवार में हुआ और उनका विवाह महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री पद्मसिंह पाटिल की बहन सुनेत्रा के साथ हुआ।
 
उनके 2 बेटे पार्थ और जय हैं। पार्थ ने इस साल पुणे जिले की मवाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, हालांकि उन्हें कामयाबी नहीं मिली। ऐसा माना जाता है कि अजित पवार अपने बेटे की हार के लिए शरद पवार को दोषी ठहराते हैं कि उन्होंने उस चुनाव में दिलचस्पी नहीं ली।
 
अजित की चचेरी बहन एवं शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले बारामती से सांसद हैं और शरद पवार के बड़े भाई राजेन्द्र पवार के पोते रोहित पवार अहमदनगर की कर्जत-जामखेड सीट से विधायक हैं। सुप्रीया को हाल ही में शरद पवार ने पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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