Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

GN Saibaba केस में महाराष्ट्र सरकार को लगा झटका, Supreme Court ने खारिज की याचिका

हमें फॉलो करें Supreme court

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , सोमवार, 11 मार्च 2024 (15:34 IST)
Maharashtra government got a shock in GN Saibaba case : उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य को माओवादियों से संबंध के मामले में बरी करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने का महाराष्ट्र सरकार का अनुरोध मानने से सोमवार को इनकार कर दिया। पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू के याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के मौखिक अनुरोध को भी खारिज कर दिया और कहा कि इस पर उचित समय पर सुनवाई की जाएगी।
 
उचित समय पर सुनवाई की जाएगी : न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश प्रथम दृष्टया तर्कसंगत है। लेकिन न्यायालय ने राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई के लिए सहमति जताई। पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू के याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के मौखिक अनुरोध को भी खारिज कर दिया और कहा कि इस पर उचित समय पर सुनवाई की जाएगी।
 
बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने साईबाबा बरी कर दिया था : न्यायमूर्ति मेहता ने कहा कि यह बड़ी मुश्किल से बरी किए जाने का मामला है और सामान्य तौर पर, इस अदालत को यह अपील खारिज कर देनी चाहिए थी। बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने पांच मार्च को साईबाबा (54) को बरी कर दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ आरोपों को साबित करने में विफल रहा।
अदालत ने आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया था : अदालत ने साईबाबा को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया था और कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत अभियोजन की मंजूरी को अमान्य ठहराया था। उसने मामले में पांच अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया था। शारीरिक असमर्थता के कारण व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाले साईबाबा 2014 में मामले में गिरफ्तारी के बाद से नागपुर केंद्रीय कारागार में बंद थे।
मार्च 2017 में, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक सत्र अदालत ने कथित माओवादी संबंधों और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए साईबाबा, एक पत्रकार और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक छात्र सहित पांच अन्य लोगों को दोषी ठहराया था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

PM मोदी ने किया Dwarka Expressway का उद्घाटन, 9000 करोड़ में बन रहा 8 लेन का यह एक्सप्रेसवे