नई दिल्ली। गैंगरेप और निर्मम हत्या के 7 साल बाद आखिरकार शुक्रवार सुबह निर्भया को इंसाफ मिल ही गया। उसके चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, पवन और विनय का आज सुबह साढ़े 5 बजे फांसी दे दी गई।
तिहाड़ जेल में ठीक साढ़े 5 बजे लिवर खींच कर दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया। दीनदयाल अस्पताल में शवों का पोस्टमार्टम करेगा।
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि देर से ही सही निर्भया को इंसाफ मिला। बेटी को बचा नहीं पाई लेकिन इंसाफ दिलाया। देश की बेटियों के लिए संघर्ष किया। परिवार खुशी या उत्सव नहीं मनाएगा।
गौरतलब है कि दिल्ली में 23 साल की छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात को एक चलती बस में बर्बरता के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। इस घटना के करीब 15 दिन बाद पीड़िता की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना ने देश को हिला दिया था। पीड़िता को को निर्भया नाम से जाना गया।
5 मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी देने के लिए नया मृत्यु वॉरंट जारी किया था। सभी दोषी अपने सभी कानूनी और संवैधानिक विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं और उनके बचने के लगभग सभी रास्ते बंद हो चुके थे।