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Nirbhaya Case : फांसी से पहले एक मां की अंतिम इच्छा

हमें फॉलो करें Nirbhaya Case : फांसी से पहले एक मां की अंतिम इच्छा
, गुरुवार, 19 मार्च 2020 (13:57 IST)
नई दिल्ली। घड़ी की सुइयों के अनवरत रूप से चलने के साथ निर्भया के एक बलात्कारी की मां की, अपने बेटे के फांसी के फंदे से बचने की उम्मीदें भी धूमिल पड़ती जा रही है और अब अपने बेटे के लिए उसकी आखिरी इच्छा उसे उसकी मनपसंद ‘पूड़ी, सब्जी, कचौड़ी’ खिलाना है।
 
इस महिला का बेटा विनय शर्मा उन चार दोषियों में से एक है, जिन्हें शुक्रवार को सुबह साढ़े 5 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जानी है।

7 साल 3 महीने पहले 16 दिसंबर 2012 की रात को एक युवती से बलात्कार और उसकी हत्या के जुर्म में उन्हें यह सजा दी गई। इस युवती को दुनियाभर में ‘निर्भया’ के नाम से पहचाना गया।
 
जल्लाद के बुधवार को फांसी देने का परीक्षण करने और दिल्ली उच्च न्यायालय के उनमें से एक की अपील ठुकराने के बाद, फांसी तीन बार स्थगित किए जाने के बाद चारों को फांसी देने की तैयारी पूरी है।
 
अपना नाम बताने से इंकार करने वाली तथा सिर्फ ‘विनय शर्मा की मां’ के नाम से पहचानने की इच्छा रखने वाली महिला और निराश हो गई है।
 
महिला ने दक्षिण दिल्ली के रविदास कैम्प में अपने घर के बाहर कहा कि आप कौन हैं? क्या चाहते हैं? अंदर कोई भी नहीं है। मेरे पति काम पर गए हैं। मैं विनय की मां हूं।
 
तंग गलियों, जर्जर झुग्गियों तथा खुले सीवर के बीच यह मलिन कॉलोनी अपराध के 6 दोषियों में से चार का घर है। और इन्हीं तंग गलियों में कहीं अंदर जाकर विनय शर्मा का घर है।
 
घर की नेमप्लेट पर हरीराम शर्मा का नाम लिखा है और बाहर 50 साल, लेकिन अपनी उम्र से कहीं अधिक बूढ़ी दिख रही महिला कपड़े धो रही है। उसने बरसते हुए कहा कि क्या लिखोगे तुम? कुछ होता है तुम्हारे लिखने से? क्या अभी तक तुम्हारे लिखने से कुछ हुआ? अगर भगवान चाहेगा तो वह बच जाएगा।
 
उसने कहा कि सब भगवान की मर्जी है। कोरोना वायरस को देखो। भगवान है जो हर चीज तय करता है कि कौन जीएगा और कौन मरेगा। इंसान के वश की बात नहीं है। न आप और न ही उनके।
 
महिला ने पूछा कि तिहाड़ में जेल कर्मियों ने कभी मुझे खाना या कुछ और नहीं ले जाने दिया। लेकिन अगर वे अनुमति देंगे तो मैं उसके लिए कुछ ‘पूड़ी, सब्जी और कचौड़ी’ ले जाना चाहूंगी। उसने कहा कि वह आखिरी बार अपने बेटे से जेल में जल्द ही मिलने जाएगी।
 
26 वर्षीय विनय को मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25) और अक्षय कुमार सिंह (31) के साथ फांसी दी जाएगी। इस साल पांच मार्च को निचली अदालत ने 20 मार्च के लिए नया डेथ वारंट जारी किया था।
 
रामसिंह और मुकेश सिंह की विधवा मां इलाके से चली गईं जबकि विनय शर्मा और पवन गुप्ता का परिवार अब भी यहां रहता है। पवन गुप्ता के परिवार ने बात करने से इंकार कर दिया।

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