नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को जेपी समूह को 31 दिसंबर तक उच्चतम न्यायालय रेजिस्ट्री के पास 275 करोड़ रुपए जमा कराने का आदेश दिया।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की सदस्यता वाली उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ जेपी इंफ्राटेक मामले में याचिकाकर्ता और प्रतिवादी पक्ष के निवेदन और दलीलें सुन रही थी। उच्चतम न्यायालय ने भुगतान की राशि की किस्तें जमा करने की भी समय सीमा तय कर दी है। सुनवाई के दौरान जेपी समूह के सभी निदेशक न्यायालय में उपस्थित थे।
आज की सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने पूछा कि जेपी समूह में कुल कितने निदेशक हैं। इसके जवाब में जेपी समूह ने कहा कि कुल 13 निदेशक हैं। इनमें से आठ स्वतंत्र निदेशक हैं और पांच प्रमोटर हैं।
उच्चतम न्यायालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना जेपी समूह के स्वतंत्र और प्रमोटर निदेशक अपनी व अपने परिवार के सदस्यों की संपत्तियां बेच नहीं सकते हैं। (वार्ता)