नई दिल्ली। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार शाम हुई हिंसा की चौतरफा आलोचना हो रही है, वहीं अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
यह भी बात सामने आ रही है कि इस झगड़े के पीछे 'सर्वर रूम' बताया जा रहा है। इस हिंसा में दो दर्जन से विद्यार्थी घायल हुए हैं, इनमें जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष भी शामिल हैं।
दअरसल, बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा के बहिष्कार और प्रदर्शनों के बावजूद एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसी बात से नाराज होकर कुछ छात्रों ने सर्वर रूम पर कब्जा कर लिया। विवि की एडमिशन प्रक्रिया ऑनलाइन है और छात्रसंघ से जुड़े विद्यार्थी नहीं चाहते थे कि एडमिशन शुरू हों।
इस संबंध में विवि प्रशासन का कहना था कि कुछ नकाबपोश छात्रों ने सर्वर रूम पर कब्जा कर लिया है साथ ही टेक्निकल स्टाफ को बंधक बना लिया था। इसी बात को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और लेफ्ट विंग के विद्यार्थियों में झड़प भी हुई थी।
जेएनयू एबीवीपी के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार के मुताबिक लेफ्ट विंग के छात्रों ने इंटरनेट बंद कर रखा था, जिससे एडमिशन प्रक्रिया बाधित हो गई थी। एबीवीपी के मुताबिक जो छात्र रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं, उन्हें रजिस्ट्रेशन कराने देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब छात्र इसका विरोध करने गए तो वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया। एबीवीपी के 50 कार्यकर्ताओं को एडमिन ब्लॉक में दौड़ाकर मारा गया।