नई दिल्ली। रेलवे के आला अधिकारियों द्वारा दूरदराज के इलाकों का निरीक्षण करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तमाम सुविधाओं से लैस 200 सैलूनों को 10 लग्जरी पर्यटक ट्रेनों में तब्दील किया जाएगा। आईआरसीटीसी ने औपनिवेशिक काल की शैली में बने रेलवे के डिब्बों को आम जनता के इस्तेमाल के लिए शुरू करने और अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने का फैसला किया है।
शुरुआत में दूरदराज के इलाकों में निरीक्षण के लिए रेलवे के अधिकारियों द्वारा खासतौर से इस्तेमाल होने वाले इन सैलूनों में 2 शयनकक्ष, एक विश्राम कक्ष, एक पैंट्री, एक शौचालय और एक रसोईघर होता है जिसमें 5 दिनों तक रुका जा सकता है।
सूत्र ने बताया, हालांकि कुछ सैलूनों को निरीक्षण के लिए रेलवे अधिकारियों के इस्तेमाल के लिए रखा जाएगा, लेकिन इनमें से 200 को आईआरसीटीसी को सौंपा जाएगा तथा वे पर्यटक ट्रेनों के तौर पर चलेंगे। ऐसी करीब दस ट्रेनों को सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए शुरू किया जाएगा।
पिछले साल अधिकारियों द्वारा इन सैलूनों के दुरुपयोग पर चिंताओं के बीच रेलमंत्री पीयूष गोयल ने अपने निजी सैलून को सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए सौंप दिया था। उन्होंने विभिन्न मंडलों से भी ऐसा करने के लिए कहा था।
सूत्रों ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने ऐसे सैलूनों के आम लोगों के इस्तेमाल के लिए अपने मंडलों को निर्देश दिए। उसने यह भी कहा कि मंडल महाप्रबंधकों के लिए सैलून और निगरानी कार होने के अलावा प्रत्येक मंडल के पास केवल निरीक्षण उद्देश्य से 2 अतिरिक्त डिब्बे होंगे।
निर्देशों के अनुसार, बाकी के सैलूनों का रेलवे के लिए अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने के वास्ते प्रीमियम पर्यटक यातायात के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने पिछले साल मार्च में पूरी तरह एयर कंडीशंड कमरों के साथ पहले सैलून डिब्बे की सेवाएं आम जनता के लिए शुरू की थीं। इसके लिए 2 लाख रुपए का किराया लिया गया था।