नई दिल्ली। देश में इस साल मानसून सामान्य रहने का अनुमान है और मानसून के चार महीने के दौरान दीर्घावधि औसत की 96 प्रतिशत बारिश होगी।
मौसम विभाग ने सोमवार को इस साल के दक्षिण-पश्चिम मानसून का पहला पूर्वानुमान जारी किया। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. राजीवन और भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. केजे रमेश ने बताया कि इस साल मानसून के दौरान जून से सितंबर तक वर्षा लगभग सामान्य रहने का अनुमान है। दीर्घावधि औसत का 96 प्रतिशत बारिश होने का पूर्वानुमान है।
वर्ष 1951 से 2000 तक मानसून के दौरान देश में औसत बारिश 890 मिलीमीटर है। उन्होंने बताया कि इस साल मानसून के दौरान अलनीनो की स्थितियां कमजोर रहने तथा मानसून के अंतिम दो महीनों में इसकी तीव्रता कम रहने के आसार हैं। इस बार मानसूनी बारिश का वितरण भी अच्छा रहेगा जो आगामी खरीफ मौसम की फसलों के लिए लाभकारी होगा।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने इस साल मानसून के दौरान दीर्घावधि औसत का 93 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान जारी किया था। पिछले साल देश में दीर्घावधि औसत की 91 प्रतिशत बारिश हुई थी। मानसून का दूसरा पूर्वानुमान जून के पहले सप्ताह में जारी किया जाएगा।