भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने बुधवार को अपने अब तक के सबसे वजनी सैटेलाइट का प्रक्षेपण कर एक बड़ी कामयाबी हासिल कर ली। भारतीय समयानुसार मगंलवार-बुधवार की रात दक्षिणी अमेरिका के फ्रेंच गुयाना के एरियानेस्पेस के एरियाने-5 रॉकेट से 'सबसे अधिक वजनी' उपग्रह GSAT-11 लांच किया गया है।
इसे भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के 2.07 बजे लॉन्च किया गया। इस उपग्रह से इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने में सहायता मिलेगी। यह 16 गीगाबाइट प्रति सेकंड की रफ्तार से डेटा भेज सकता है। इसे भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने तैयार किया है।
ISRO के मुताबिक करीब 5,854 किलोग्राम वजन का GSAT-11 देशभर में ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह ISRO का बनाया अब तक का 'सबसे अधिक वजन' वाला उपग्रह है।
GSAT-11 अगली पीढ़ी का 'हाई थ्रोपुट' संचार उपग्रह है। इसका जीवनकाल 15 साल से अधिक से ज्यादा का है। इसे पहले 25 मई को प्रक्षेपित किया जाना था लेकिन ISRO ने अतिरिक्त तकनीकी जांच के कारण इसके प्रक्षेपण का कार्यक्रम बदल दिया था।
शुरुआत में उपग्रह जियो इक्वीवैलेंट ट्रांसफर ऑर्बिट में ले जाया जाएगा और उसके बाद उसे जियो स्टैटिक ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। अगर ये सेटैलाइट सही सलामत।
अपनी कक्षा में स्थापित हो जाता है, तो ये देश के टेलीकॉम सेक्टर के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। एरियाने-5 रॉकेट GSAT-11 के साथ कोरिया एयरोस्पेस अनुसंधान संस्थान (केएआरआई) के लिए जियो-कोम्पसैट-2ए उपग्रह भी लेकर जाएगा। यह उपग्रह मौसम विज्ञान से संबंधित है।
खूबियां
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5854 किलोग्राम वजनी जीसैट की लागत करीब 500 करोड़ रुपए।
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जीसैट में 40 ट्रांसपोंडर, 16 गीगाबाइट/सेकंड की रफ्तार से डेटा भेज सकता है।
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देश में इंटरनेट क्रांति के लिए 4 उपग्रह प्रक्षेपित किए जाने हैं उनमें जीसैट-11 तीसरा।
(Photo courtesy : ISRO Twitter account)