भरण-पोषण खर्चों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने की अहम टिप्‍पणी

Webdunia
बुधवार, 22 नवंबर 2023 (18:50 IST)
Important comment from Delhi High Court regarding maintenance expenses : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि कमाने की योग्यता रखने वाले पति या पत्नी को बेरोजगार रहने और खर्चों का बोझ अपने जीवनसाथी पर डालने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उच्च न्यायालय उस व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी।
 
उच्च न्यायालय ने कहा है कि एक पति या पत्नी जिसके पास कमाने की उचित क्षमता है, लेकिन पर्याप्त स्पष्टीकरण के बिना वह बेरोजगार रहना चाहते हैं तो उन्हें दूसरे साथी पर भरण-पोषण के खर्चों को पूरा करने की एकतरफा जिम्मेदारी डालने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
 
उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति द्वारा अलग रह रही अपनी पत्नी को हिंदू विवाह अधिनियम (एचएमए) के तहत दिए जाने वाले मासिक भरण-पोषण की राशि को 30000 रुपए से घटाकर 21000 रुपए करते हुए यह टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि महिला ने दावा किया है कि उसके पास आय का कोई स्रोत नहीं है, लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक होने के कारण उसकी शैक्षिक पृष्ठभूमि उचित है।
 
न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की एक पीठ ने कहा, ऐसे पति या पत्नी जिनके पास कमाने की उचित क्षमता है, लेकिन जो बिना किसी पर्याप्त स्पष्टीकरण या रोजगार हासिल करने के अपने ईमानदार प्रयासों का संकेत दिए बिना बेरोजगार रहना पसंद करते हैं, उन्हें अपने खर्चों को पूरा करने की एकतरफा जिम्मेदारी दूसरे पक्ष पर डालने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
 
पीठ ने कहा कि एचएमए के तहत भरण-पोषण का प्रावधान लैंगिक रूप से तटस्थ है और अधिनियम की धाराओं 24 और 25 के तहत दोनों पक्षों के बीच विवाह अधिकारों, देनदारियों और दायित्वों का प्रावधान किया गया है। उच्च न्यायालय उस व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी।
 
निचली अदालत ने व्यक्ति को अपनी अलग रह रही पत्नी को 30,000 रुपए मासिक गुजारा भत्ता और 51,000 रुपए मुकदमे का खर्च देने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि पहले निचली अदालत ने उनसे महिला को 21000 रुपए मासिक भुगतान करने को कहा था, लेकिन बाद में परिस्थितियों में कोई बदलाव किए बिना इसे बढ़ाकर 30000 रुपए कर दिया गया।
 
व्यक्ति ने कहा कि उसे 47,000 रुपए का वेतन मिल रहा है और उसे अपने परिवार का भरण-पोषण करना है और उसके लिए प्रति माह 30,000 रुपए का भुगतान करना संभव नहीं होगा। व्यक्ति ने दावा किया कि महिला यहां एक अस्पताल में काम करती थी और 25,000 रुपए मासिक कमाती थी।
 
महिला ने हालांकि कहा कि वह केवल एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही थी और अस्पताल से कोई वेतन नहीं ले रही थी। इन दोनों ने 2018 में शादी की थी लेकिन उनके बीच मतभेद के कारण महिला जुलाई 2020 में अपने माता-पिता के घर लौट आई थी। (भाषा) Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India Pakistan Attack News : भारत के हमलों से डरकर बंकर में छिपे पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ

क्या है भारत का S-400 डिफेंस सिस्टम, जिसने पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को किया नाकाम

या खुदा आज बचा लो, फूट-फूटकर रोने लगा सांसद, Pakistan में Operation Sindoor का खौफ

India Attacks On Pakistan : राजस्थान में जिंदा पकड़ा गया पाकिस्तानी JF-17 का पायलट

पाकिस्तान ने जम्मू को बनाया निशाना, मिसाइलों और ड्रोनों से किया हमला, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

सभी देखें

नवीनतम

India Pakistan War : भारत पर हमले के लिए तुर्किए ड्रोन का इस्तेमाल, पाकिस्तान फिर हुआ बेनकाब

सिंधु जल समझौते पर विश्व बैंक ने दिया पाकिस्तान को झटका

India-Pakistan War : पाकिस्तान ने आम लोगों को बनाया निशाना, 36 जगहों पर हमले की कोशिश, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब, MEA प्रेस कॉन्फ्रेंस के खास बिंदु

100 सूरज का ताप, इंसान से लेकर जानवर तक पिघल जाएंगे, ऑपरेशन सिंदूर के बीच क्‍यों हो रही Nuclear bomb की चर्चा

जैसलमेर में शाम 6 बजे से कम्पलीट ब्लैकआउट, शाम 5 बजे से बंद होंगे बाजार

अगला लेख
More