LMV चालक को लेकर Supreme Court ने केंद्र सरकार को दिया यह निर्देश

Webdunia
बुधवार, 22 नवंबर 2023 (18:27 IST)
Supreme Court's instructions regarding LMV driver : उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस कानूनी सवाल की 17 जनवरी तक समीक्षा करने का बुधवार को निर्देश दिया कि क्या हल्के मोटर वाहन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति खास वजन का परिवहन वाहन चलाने का कानूनी रूप से हकदार है।
 
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि संशोधन की कवायद के लिए कई हितधारकों के साथ परामर्श की आवश्यकता होगी, जिसमें समय लगेगा।
 
पीठ ने कहा, हम केंद्र को निर्देश देते हैं कि वह इस प्रक्रिया को पूरी तेजी के साथ आगे बढ़ाए। चूंकि राज्य सरकार के साथ परामर्श की परिकल्पना की गई है, हम सभी राज्य सरकारों को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्धारित समय सीमा का पालन करने का निर्देश देते हैं।
 
पीठ ने कहा, कार्यवाही अब 17 जनवरी, 2024 को सूचीबद्ध की जाएगी, जिस तारीख तक हम उम्मीद करते हैं कि परामर्श पूरा हो जाएगा और केंद्र द्वारा उठाए जाने वाले आगे के कदमों की एक स्पष्ट रूपरेखा इस अदालत के समक्ष रखी जानी चाहिए। शुरुआत में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने केंद्र की ओर से एक नोट प्रस्तुत किया और कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे के समाधान के लिए टुकड़ों में संशोधन के बजाय समग्र रूप से स्थिति पर विचार कर रही है।
 
उन्होंने पीठ से इस बीच कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का आग्रह किया। हालांकि शीर्ष अदालत ने कार्यवाही स्थगित करने से इनकार कर दिया और मामले को 17 जनवरी को सुनवाई के लिए निर्धारित कर दिया। यह भी स्पष्ट किया गया कि मामले के लंबित रहने के दौरान मुकुंद देवांगन मामले में फैसला प्रभावी रहेगा।
 
शीर्ष अदालत ने पहले केंद्र सरकार से पूछा था कि इस कानूनी सवाल पर कानून में बदलाव की आवश्यकता है कि क्या हल्के मोटर वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति एक विशेष वजन के परिवहन वाहन को चलाने का कानूनी रूप से हकदार है या नहीं।
 
यह देखते हुए कि ये लाखों लोगों की आजीविका को प्रभावित करने वाले नीतिगत मुद्दे हैं, पीठ ने कहा था कि सरकार को इस मामले पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है, साथ ही यह भी कहा था कि इसे नीतिगत स्तर पर उठाए जाने की जरूरत है।
 
शीर्ष अदालत ने पहले इस कानूनी सवाल से निपटने के लिए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी की सहायता मांगी थी कि क्या हल्के मोटर वाहन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति कानूनी रूप से एक विशेष वजन के परिवहन वाहन को चलाने का हकदार है या नहीं।
 
संविधान पीठ ने कहा था कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की स्थिति जानना आवश्यक होगा क्योंकि यह दलील दी गई थी कि मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के मामले में शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले को केंद्र ने स्वीकार कर लिया था और उन्हें निर्णय के साथ संरेखित करने के लिए नियमों में संशोधन किया गया था।
 
मुकुंद देवांगन मामले में शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने माना था कि परिवहन वाहन, जिनका कुल वजन 7500 किलोग्राम से अधिक नहीं है, को एलएमवी (हल्के मोटर वाहन) की परिभाषा से बाहर नहीं रखा गया है। (भाषा) Edited By : Chetan Gour 

Related News

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

संजय राउत गुस्से में, उठाए चुनाव परिणाम पर सवाल, जनता के बारे में कही ये बात

टमाटर अब नहीं होगा महंगा, जनता को मिलेगी राहत, सरकार ने बनाया यह प्लान

'गौतम सर ने कहा था कि तेज गेंदों का ऐसे सामना करो जैसे देश के लिए गोली खानी हो': नीतिश रेड्डी

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: महाराष्‍ट्र में रुझानों में महायुति की सरकार, महागठबंधन का हाल बेहाल

LIVE: झारखंड में रुझानों में हेमंत सोरेन की सरकार, JMM गठबंधन को कितनी सीटें

महाराष्ट्र में क्यों घटा पवार का पावर, क्या शिंदे हैं शिवसेना के असली वारिस?

बिहार उपचुनाव में चारों सीटों पर NDA की जीत

LIVE: जीत के बीच फडणवीस को अमित शाह का कॉल, शिंदे बोले, ज्यादा सीट मतलब CM नहीं

अगला लेख
More