ISRO Chief Somnath : भारत के चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद पूरी दुनिया में इसरो के नाम का डंका बज रहा है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया है। इसके लिए इसरो के वैज्ञानिकों की टीम के साथ ही इसरो के चीफ एस सोमनाथ को श्रेय दिया जा रहा है।
हालांकि इस उपलब्धि के साथ ही आस्था और विज्ञान को लेकर एक बहस भी चल पड़ी है। दरअसल, हाल ही में चंद्रायन-3 की लॉन्चिंग के पहले ISRO चीफ एस सोमनाथ की कुछ तस्वीरें वायरल हुईं थी। जिनमें सोमनाथ मंदिर में पूजा और दर्शन के लिए गए थे। ऐसे में सोशल मीडिया में यह बहस शुरू हो गई थी कि आस्था और विज्ञान में कौन बड़ा है और किसे तरजीह दी जाए।
फेसबुक से लेकर ट्विटर तक सभी जगह यही बहस चल रही है। इस पूरी बहस के बीच ISRO चीफ एस सोमनाथ का बयान सामने आया है, जो बेहद अहम है। उन्होंने कहा- मैं विज्ञान और आध्यात्म दोनों की खोज करता हूं। मैं एक खोजकर्ता हूं।
बता दें कि चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान- 3 की सॉफ्ट लैंडिंग के चार दिन बाद इसरो चीफ रविवार को पूर्णमिकवु-भद्रकाली मंदिर पहुंचे थे। भगवान के दर्शन के बाद उन्होंने बातचीत में खुद को एक खोजकर्ता बताया।
जब मंदिर दर्शन करने पहुंचे सोमनाथ : यह पूरी बहस तब शुरू हुई थी जब चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग के चार दिन बाद रविवार को इसरो (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ केरल के तिरुवनंतपुरम में पूर्णमिकवु-भद्रकाली मंदिर दर्शन करने पहुंचे। चंद्रयान- 3 मिशन की कामयाबी की खुशी में वह भगवान के दर्शन करने पहुंचे थे। दर्शन के बाद उन्होंने बातचीत में खुद को एक खोजकर्ता बताया। इसके साथ ही उन्होंने विज्ञान और अध्यात्म के बीच तालमेल पर अपना दृष्टिकोण व्यक्त किया।
यह हमारे कल्चर का हिस्सा है : इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा, मैं एक खोजकर्ता हूं। मैं चंद्रमा का अन्वेषण करता हूं। विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों की खोज करना मेरे जीवन की यात्रा का एक हिस्सा है। मैं कई मंदिरों में जाता हूं और कई धर्मग्रंथ पढ़े हैं, इसलिए इस ब्रह्मांड में अपने अस्तित्व का पता लगाने के लिए खोजबीन करता रहता हूं। यह एक यात्रा है। यह हमारे कल्चर का पार्ट है। मैं विज्ञान पर भी काम करता हूं। साथ ही मन की शांति के लिए मंदिरों में भी जाता हूं
'शिव शक्ति' पर क्या है इसरो चीफ की राय?
चंद्रयान- 3 के टच प्वाइंट का नाम 'शिव शक्ति' रखने के सवाल पर इसरो चीफ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह नामकरण किया है। इसके काफी मायने हैं। सोमनाथ ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम ने अगला नाम भी सुझाया है, जो कि तिरंगा है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री होने के नाते यह नाम रखने का उनका विशेषाधिकार है।
बहस पर लगा विराम : सोशल मीडिया में हो रही बहस को एक तरह से इसरो चीफ सोमनाथ ने विराम दे दिया है। उन्होंने आस्था और विज्ञान दोनों के संतुलन और दोनों के महत्व को अपने बयान से समझा दिया। उन्होंने दोनों की खोज को अपने कल्चर का हिस्सा बताया। भारत के सबसे बडे वैज्ञानिक संगठन के चीफ होने के बावजूद वे मंदिर जाते हैं और वैज्ञानिक खोज भी करते हैं, यह बताकर उन्होंने सिद्ध कर दिया कि हमें दोनों के तालमेल के साथ चलना होगा।
Edited by navin rangiyal